काफिर को मारो, 72 हूरें पाओ! फिल्म JNU में दिखाई गई!!

के. विक्रम राव


आतंकी विषय-वस्तु पर एक नई फिल्म “बहत्तर हूरें” नई दिल्ली के जेएनयू (नेहरू विश्वविद्यालय) में कल (मंगलवार, 4 जुलाई 2023) स्क्रीन की गई। भारत सरकार के फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित इसका संक्षिप्त ट्रेलर 28 जून को दर्शाया गया था। डिजिटल रिलीज भी हुआ। इसका कथानक कुछ दिग्भ्रमित युवजनों पर केंद्रित है, जिन्हें बहकाकर, मतिभ्रम कर आत्मघाती बॉम्बर बनने पर बाध्य किया जाता है। केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने इन सारी आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इसी मसले पर फिल्म “केरला स्टोरी” भी दिखाई जा चुकी है। “बहत्तर हूरें” फिल्म के निदेशक हैं विख्यात संजय पूरन सिंह चौहान। इन्हें दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इस फिल्म में कहानी वही है जो बताती है कि आज भारत, खासकर कश्मीर में क्या हो रहा है। वहां युवाओं को भरमा कर जिहादी बनाया जा रहा है। नादान आमजनों की हत्या उनके जरिए कराई जाती है। याद कर लें पाकिस्तानी अजमल कसाब और उसके साथियों ने कैसे मुंबई में असंख्य निर्दोष जन को मारा था। संजय चौहान पटकथा लेखक भी हैं। उनकी फिल्म “लाहौर” बड़ी प्रशंसनीय थी। उन्हीं की ताजा फिल्म “बहत्तर हूरें” पर राष्ट्रव्यापी बहस चल निकली है। सेंशरशिप तथा क्रिएटिक फ्रीडम पर चर्चा भी।

निर्देशक ने कहा भी : “मैं चाहता हूं कि लोग उन चीजों की गंभीरता को समझें, जिन्हें इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है। दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है। इस पर ध्यान देना चाहिए। इस पर चर्चा भी होनी चाहिए। लोग बिना फिल्म देखे बयान जारी कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि सही और गलत का निर्णय लेने से पहले लोग इसे देखें। यह आतंकवाद पर है।” फिल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने जेएनयू में स्क्रीनिंग के बाद कहा कि जाधवपुर यूनिवर्सिटी (बंगाल) समेत कई दूसरे शैक्षिक संस्थानों में भी इसे दिखाने की तैयारी है।

संजय की यह फिल्म “बहत्तर हूरें” हम सब की रोजमर्रा की जिंदगी को परेशान करने वाले निर्मम आतंकवाद को उजागर करता है। ट्रेलर से स्पष्ट हो जाता है कि ये आतंकवादी लोग पहले युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं। मासूम लोगों की जान लेने पर उन्हें मजबूर करते हैं। आतंकवादियों का प्रचार है कि जो व्यक्ति अपनी जान कुर्बान कर लोगों की जान लेता है, उसे जन्नत मिलती है। फिल्म की शुरुआत एक मौलवी से होती है, जो मदरसे के अंदर भाषण देता है : “आप जिहाद के नाम पर लोगों का कत्ल करेंगे, तो आपको 72 हूरें जन्नत में नसीब होंगी।” फिल्म में मुंबई टेरर आतंकी हमला भी दिखाया गया है। इसमे आतंकवादी मारे जाते हैं। मरने के बाद वे सब 72 हूरों को ढूंढते हैं। उनका इंतजार करते हैं, लेकिन उन्हें लेने कोई भी हूर नहीं आती। इन आतंकियों को ट्रेनिंग के दौरान यह विश्वास दिलाया गया था कि मरने के बाद जन्नत में उनकी खिदमत 72 कुंवारी लड़कियां करेंगी। इस फिल्म को कुल दस भाषाओं में निर्मित किया जाएगा। हिंदी के अलावा अँग्रेजी, मराठी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, पंजाबी, भोजपुरी, कश्मीरी, असमी और मेरी मातृभाषा तेलुगू में भी रिलीज होगी।फिल्म में पवन मल्होत्रा और आमिर बख्शी मुख्य भूमिका में हैं। उनके अलावा राशिद नाज और अशोक पाठक जैसे कलाकार हैं। गोवा में भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में भी यह दिखाई जा चुकी है। कुछ राजनीतिक दलों ने फिल्म में दिखाए गये आतंकवादियों को मानसिक रूप से बरगलाने के दृश्यों पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना है कि इन नकारात्मक बातों से धर्म विशेष को लेकर लोगों में गलत संदेश जाएगा।

इस फिल्म के कथानक तीन युवक पात्र (पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर और राशिद नाज) परलौकिक यात्रा पर जाते हैं। बड़े लालायित हैं बहत्तर हूरों से भेंट के लिए। अंततः यह सच नही होता। पवन मल्होत्रा एक मशहूर, जाने-माने अभिनेता है। वे तेलुगु तथा पंजाबी फिल्मों में कार्य कर चुके हैं। टीवी सीरियल में भी पवन को फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ सहित कई पुरस्कार मिले हैं। वह निर्दयी माफिया डॉन इरफ़ान खान की भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं। तेलुगु ब्लॉकबस्टर ऐथे (2003) और ब्लैक फ्राइडे (2004) में टाइगर मेमन की उनकी प्रशंसित भूमिका 2005 में रही। आमिर बशीर कश्मीर में पले। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्नातक हैं। पश्तो, हिंदी और उर्दू नाटकों मे भाग ले चुके हैं। वे कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के पुत्र हैं। राशिद नाज़ पाकिस्तानी फिल्म एक्टर हैं जो पश्तो के टीवी अभिनेता भी हैं। अब इसी फिल्म के सिलसिले में भारत में मदरसों के शिक्षा विषय पर चर्चा हो। ऐसे आतंकी भी इन्हीं मदरसों में शिक्षित होते हैं। मदरसों में उन्हें जो कुरान शरीफ पढ़ाई जाती है उन पर गौर करें। वह भी शंकास्पद बातों से आप्लवित है। यह सैय्यद हामिद मोहसिन, प्रोफेसर सैय्यद वकार अहमद, सलाम सेंटर तथा मौलाना वहीदुद्दीन खॉ द्वारा प्रस्तुत कुरान का इतिहास है। उस पर ध्यान दें : सूरा आयत 2:98 – अल्लाह गैर-मुस्लिमों का शत्रु है ! सूरा आयत 3:85 -इस्लाम के अलावा कोई अन्य धर्म/मजहब स्वीकार नहीं है ! सूरा आयत 22:30- मूर्तियाँ गन्दगी हैं ! सूरा आयत 3:62,2:255,27:61और 35:3 – अल्लाह के अलावा कोई अन्य प्रभु पूज्य नहीं है ! सूरा आयत 8:69 – लूट का सब माल (स्त्रियों सहित) हलाल है ! सूरा आयत 32:22- इस्लाम छोड़ने वालों से बदला लो ! आप स्वयं इन उक्तियों को पढ़ लें तथा खुद निष्कर्ष निकाल लें।

Analysis Loksabha Ran

दो टूकः गिरते मतदान का परिणाम, BJP भूल गई अबकी बार 400 पार

अब तीन दिन से नहीं लग रहा नारा, सत्तापक्ष के लोगों की बढ़ने लगी धुकधुकी हर बार गिरते मतदान प्रतिशत का लाभ उठाती रही विपक्ष, कोई नहीं आ रहा काम राजेश श्रीवास्तव लोकसभा चुनाव 2024 के चक्रव्यूह के लिए तैयार किये गये सात द्बारों में से दो द्बार तोड़े जा चुके हैं। देश की लगभग […]

Read More
Analysis

फसल अवशेष जलाना मतलब किसी बड़े संकट को दावत देना

पर्यावरण के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी छीन लेती है पराली अगर वैज्ञानिक तरीके से मिट्टी को संवारेंगे तो बढ़ सकता है किसानों का लाभ गर्मी से मर जाते हैं सूक्ष्म जीवाणु, जिससे कम हो जाती है जमीन की उर्वरा शक्ति मधुकर त्रिपाठी कुछ दिनों पहले मैं देवरिया जिले से सटे भलुअनी की तरफ […]

Read More
Analysis

नार्वे के दो शिक्षा मंत्री द्वारा गुनाह, साहित्य चोरी के लिए हटाये गए !!

के विक्रम राव संपन्न उत्तरी यूरोप राष्ट्र नार्वे, एक विकसित राजतंत्र की गत दिनों बड़ी वैश्विक फजीहत हुई। सरकार की दो मंत्री श्रीमती सांद्रा बोर्स जो रिसर्च और उच्च शिक्षा विभाग संभालती हैं, तथा स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती इंगविल्ड क्जेर्कोल को बेशर्मी से पदत्याग करना पड़ा। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने अपनी थीसिस के लिए […]

Read More