पत्रकारिता दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल संगोष्ठी
जूम लिंक से जुड़े देश के देश के कवि व विद्वान
लखनऊ। साहित्यिक पत्रकारिता दिवस के अवसर पर नार्वे से आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्यिक पत्रकारिता एवं कवि गोष्ठी’ के अवसर पर आज प्रो हरनेक सिंह गिल ने कहा पत्रकारिता ने स्वतंत्रता आन्दोलन में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होने बताया कि दस्रोपा शब्द अर्थात दर्शक, श्रोता, पाठक हिंदी मीडिया में विकास के अर्थ में द्रुत गति से आया। पत्रकारिता परिवर्तन का कारक होती है। पत्रकार को चाहिए कि वह निर्धन, शोषित, पिछड़े लोगों को रोशनी प्रदान करे ।आयोजन 30मई को सायं पांच बजे किया गया।
कुंवर वीर सिंह मार्तंड ने बंगाल एवं कोलकाता से प्रकाशित पत्रिकाओं पर तथा साहित्य त्रिवेणी के पचास विशेषांक प्रकाशित होने पर विस्तार से प्रकाश डाला।लखनऊ वि वि के अध्यक्ष प्रो योगेंद्र प्रताप सिंह ने निष्पक्षता, प्रामाणिकता एवं विश्वसनीयता को पत्रकारिता के लिए महत्वपूर्ण माना। सन्त कबीर नगर से डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी ने आज की पत्रकारिता को चुनौतियों से भरी बताया। विज्ञापन और टी आर पी पाने के लिए कार्पोरेट सेक्टर में होड़ मची है। जिसके फलस्वरूप प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया की गुणवत्ता प्रभावित होने लगी। पत्रकारिता का मिशन भी तेजी से उसके प्रभाव में आकर सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता विहीन होने लगा।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी नीरजा शुक्ला कनाडा से, कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड कोलकाता से,नरेश कात्यायन, रावेल पुष्प, प्रो योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रो हरनेक सिंह गिल,डा ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी संत कबीर नगर, विनीता रानी विन्नी दिल्ली स्पाईल दर्पण हिंदी नार्वेजियन पत्रिका के संपादक , कवि, कहानीकार, फिल्मकार, नाटककार, उपन्यासकार सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक द्वारा आयोजित साहित्यिक पत्रकारिता दिवस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन में उपस्थित अंतरराष्ट्रीय विश्व विद्यालयों के विद्वानों द्वारा परिचर्चा एवं काव्यगोष्ठी का आयोजन (ओस्लो) नार्वे द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रो हरनेक सिंह गिल, कोलकाता से साहित्य त्रिवेणी के संपादक कुंवर वीर सिंह मार्तंड,अमेरिका से प्रकाशित सौरभ पत्रिका के संपादक हरी सिंह पाल, प्रो योगेंद्र प्रताप सिंह, कनाडा से नीरजा शुक्ला, रावेल पुष्प कोलकाता से,नरेश कात्यायन लखनऊ से,विनीता रानी विन्नी दिल्ली से, स्वीडन से सुरेश पाण्डेय, प्रमिला कौशिक दिल्ली से,प्रो सुशील कुमार शर्मा, अमेरिका से राम बाबू गौतम, पंजाब से प्रो सुरेंद्र कौर उपस्थित रहे। कार्य क्रम का संचालन सुरेश चंद्र शुक्ल’ शरद आलोक ने किया।