- प्रत्याशियों के गलत चयन के कारण बुरी तरह से हारी भाजपा
- 10 सीट में मात्र तीन सीट पर ही सिमटी,
- नौतनवा-सोनौली में अपने ही चक्रव्यूह में उलझ कर रह गई बीजेपी
उमेश तिवारी
नौतनवा । महराजगंज में निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने जिस तरह का दंभ भरा था। वह अंततः टूट गया। जहां एक तरफ भाजपा नेताओं की पैंतरेबाजी और आपसी तालमेल का आभाव वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशियों के गलत चयन से भाजपा की बुरी तरह से हार हुई। भाजपा की इज्जत अगर कोई बचाया तो वह हैं फरेंदा के पूर्व विधायक बजरंग बहादुर सिंह जिन्होंने आनन्द नगर और बृजमनगंज में अपने दम पर दोनों प्रत्याशियों को जिता लिया। हालांकि जनपद के सभी सीटों को साधने के लिए क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर सिंह उर्फ दयालु, डा. धर्मेन्द्र सिंह, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी सहित कई दिग्गजों के साथ ही महराजगंज जनपद के हर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर निकाय चुनाव की मजबूती पर जोर दिया गया था।
टिकट बटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं के आंतरिक कलह से जूझ रही भाजपा के पदाधिकारियों को एक साथ आकर भाजपा प्रत्याशियों की मदद करने का निर्देश दिया गया था। जबकि शीर्ष नेतृत्व द्वारा दिए गए निर्देश के बाद भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर घर के दरवाजे पर गए। पर वोटों को कन्वर्ट कराने में नाकाम रहे। भाजपा के प्रत्याशियों की जीत को सुनिश्चित कराने के लिए भाजपा के पदाधिकारियों को कड़ी मेहनत कर लोगों से वोट भी मांगने पड़े, बावजूद इसके जिले की 10 सीटों में से महराजगंज की नगरपालिका में सपा की पुष्पलता 4200 से ज्यादा वोटों से जीत गई हैं। निचलौल नगरपालिका में सपा के शिवनाथ विजयी हुए। चौक नगर पंचायत से संगीता देवी, घुघली नगर पंचायत से निर्दलीय संतोष जायसवाल ने कब्जा जमाया। परतावल नगर पंचायत से बसपा की प्रियंका गुप्ता ने जीत हासिल की है। बृजमनगंज नगर पंचायत से भाजपा के राकेश जायसवाल जीतने में कामयाब हुए। आनंदनगर नगर पंचायत से भाजपा की विजय लक्ष्मी जीती। नौतनवा में निर्दलीय उम्मीदवार बृजेश मणि त्रिपाठी 1496 वोटों से जीत गए हैं। सोनौली में भाजपा का सबसे बुरा हाल था जहां भाजपा पांचवें स्थान पर पहुंच गई।
बताते चलें कि वर्ष 1989 में महराजगंज गोरखपुर से अलग होकर एक नया जिला बना । इसके उत्तर में नेपाल है। जिले में चार तहसीलें, 21 थाने, 12 ब्लॉक हैं। यहां 8 नगर पंचायत और तीन नगरपालिका परिषद हैं। निकाय चुनाव में जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रैली की थी पर फिर भी कामयाबी नहीं मिली। लेकिन इस चुनाव के परिणाम के बाद विश्लेषकों का कहना है कि निकाय चुनाव के परिणाम से 2024 में आने वाले लोकसभा और 2027 में आने वाले विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भाजपा केंद्र और राज्य दोनों में सरकार बनाएगी। जो लोग निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की जीत को अपना श्रेय दे रहे हैं। उन्हें बीते विधानसभा चुनाव के परिणाम को भी याद कर लेना चाहिए।