अभिजित मुहूर्त 11: 45 से 12: 45 राहुकाल 09:00 से 10:30 जानें आज का हिन्दू पंचांग

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र


हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।


दिन –                                शनिवार

विक्रम संवत –                   2080

शक संवत –                      1945

अयन –                             उत्तरायण

ऋतु –                               वसंत ॠतु

मास –                               चैत्र

पक्ष –                                शुक्ल

तिथि –                             एकादशी 01 अप्रैल रात्रि अर्थात भोर में 04:03 तक तत्पश्चात द्वादशी

नक्षत्र –                              अश्लेशा  प्रातः 04:41 रत्रि अर्थत बोर तक तत्पश्चात मघा

योग –                             धृति  रात्रि  02:50 तक तत्पश्चात शूल

राहुकाल –                        सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक

सूर्योदय-                          05:52

सूर्यास्त –                        18:08

दिशाशूल –                       पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण –             कामदा एकादशी

विशेष : हर एकादशी को विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती हैl    राम रामेति रामेति। रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं। राम नाम वरानने।।

आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता हैl

एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है।  एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।

जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण।

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