डॉ उमाशंकर मिश्र
हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 23 मार्च 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया शाम 06:20 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – रेवती दोपहर 02:08 तक तत्पश्चात अश्र्विनी
योग – इन्द्र 24 मार्च रात्रि 03:43 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल – दोपहर 02:17 से शाम 03:48 तक
सूर्योदय- 06:41
सूर्यास्त – 18:49
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण – चेटीचंड
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)