विद्यार्थियों का यह प्रयास होगा जीवन में लाभकारी, ज़रूर करें यह उपाय
नवरात्र में उपवास करते हैं तो एक मंत्र जप करें, यह मंत्र वेद व्यास जी भगवान ने कहा है। इससे श्रेष्ठ अर्थ की प्राप्ति हो जाती है…दरिद्रता दूर हो जाती है।
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“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल वसिन्ये स्वाहा”। नवरात्र के दिनों में ‘ॐ श्रीं ॐ’ का जप करें । यह मंत्र कई तरह से लाभकारी होता है।
यदि साधक इस मंत्र का जाप करेंगे तो उनके जीवन में कई प्रकार के लाभ दिखाई देंगे। जो साधक अपने जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता चाहते हैं उन्हें इस मंत्र का अधिकाधिक जप करना चाहिए।
चैत्र मास के नवरात्र का आरंभ आज 22 मार्च यानी बुधवार से हो रहा है। नवरात्र में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
जानिए नवरात्र में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं
प्रतिपदा तिथि (नवरात्र के पहले दिन) पर माता को घी का भोग लगाएं, इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है।
नवरात्रि के दिनों में खीर की 21 या 51 आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें, इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।
हिमालय की पुत्री हैं मां शैलपुत्री
चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगी जन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं। हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। इसलिए इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी हैं । स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।