सिंचाई विभाग के अधिकारियों की खुली पोल

अफसरों की मनमानी रोकने की सराहनीय पहल


आभा/राकेश यादव


लखनऊ। राजधानी में ऐनेक्सी भवन के सिंचाई विभाग मुख्यालय दफ्तर में अधिकारी तो अधिकारी प्रमुख अभियंता तक नहीं मिलते है। अधिकारियों से मिलने के लिए लोगों को कई कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ता है। इस सच का खुलासा एक दिन पहले जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अचानक औचक निरीक्षण के दौरान हुआ। निरीक्षण में दौरान जलशक्ति मंत्री को कई अधिकारी कार्यालयों में मिले ही नहीं। जलशक्ति मंत्री ने कार्यालयों से नदारत अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटे जाने का निर्देश दिया। इससे सिंचाई मुख्यालय के अधिकारियों में हड़कम मचा हुआ है।

मिली जानकारी के मुताबिक जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अपने कैंप ऑफिस से सुबह करीब 10 बजे जलशक्ति मंत्री ने गाड़ी के ड्राइवर को सिंचाई विभाग मुख्यालय चलने का निर्देश दिया। मंत्री की गाड़ी देखते ही मुख्यालय के अधिकारियों v कर्मियों में हडकम मच गया। समय पर दफ्तर नहीं पहुंचने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रति जल-शक्ति मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने जो अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे थे, उनका एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। हालांकि गैर हाजिर रहे निचले कर्मचारियों को उन्होंने यह कहते हुए बख्श दिया कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो सभी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

निरीक्षण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने सिंचाई विभाग के सभी विभागों का निरीक्षण किया. जलशक्ति मंत्री दफ्तर के पार्क की अव्यवस्था पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को आस-पास की स्थिति को बेहतर करने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर अगली बार के निरीक्षण में स्थितियां नहीं सुधरी तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जलशक्ति मंत्री ने सिंचाई विभाग के सभी बड़े अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वो अपना अधिक समय फील्ड में दें, ताकि जमीनी हकीकत उनके सामने सच आनी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि सिंचाई मुख्यालय में अधिकारियों की कार्यप्रणाली अजब गजब है। विभाग में अधिकारी मिलते ही नहीं है। इससे लोगो को समस्याओं के निराकरण के लिए कई कई दिनों तक चक्कर लगाने के लिए विवश होना पड़ता है।

प्रमुख अभियंता से मिल पाना टेढ़ी खीर

सिंचाई विभाग के एनेक्सी भवन में विभागाध्यक्ष प्रमुख अभियंता से मिल पाना आसान नहीं है। सूत्रों का कहना है कि 31 मार्च को सेवानिवृत होने वाले प्रमुख अभियंता कार्यालय में कम ही समय बैठते है। इस संवाददाता ने कई बार उनसे मिलने का प्रयास किया। उनके निजी सचिव ने हर बार यही बताए की साहब अभी लंच पर गए है, या फिर मीटिंग में गए है। मोबाइल नंबर पूछने पर उसने पीएनटी नंबर देकर टाल दिया। समय लेने के लिए जब फोन किया गया तो उसने कहा साहब मीटिंग में है।

Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More
National Raj Dharm UP

यूपी के 16 हजार मदरसों से संकट टला

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम पर HC के फैसले पर लगाई रोक लखनऊ। देश की सर्वोच्च अदालत ने ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था। […]

Read More