राजीव पांडेय
गोरखपुर। शहर के होटल विवेक में आयोजित दो दिवसीय लिटरेरी फेस्टिवल का शुभारंभ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया। लिटरेरी फेस्टिवल 2023 में साहित्य, रंगकर्म, मीडिया, संस्कृति और फिल्म जगत की हस्तियों से गोरखपुर के लोग रूबरू होकर उनके विचार को सुनेंगे । मुख्य वक्ता के रूप में प्रख्यात साहित्यकार मृदुला गर्ग, विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार सिंह और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने पहले सत्र में अपने विचार व्यक्त किया।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह लिटरेरी फेस्टिवल साहित्य सम्मेलन है इंसान सिर्फ रोटी से जिंदा नहीं रह सकता। उसे अपनी आत्मा के लिए भी कुछ भोजन चाहिए और मेरा मानना है कि साहित्य ही सभ्यता की तरफ ले जाता है और सभ्यता से जो पहली चीज पैदा होती है वह साहित्य है। उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि जो सत्ता के खिलाफ लिखेगा वही विश्वसनीय है लेकिन अब हमें यह फर्क करना पड़ेगा कि यह धारणा उस समय की है जब सत्ता राजा रानी की कोख से पैदा होती थी।
उस समय सत्ताधारी आज की तरह लोकतंत्र से पैदा नहीं होते थे। भारत में भले ही राजशाहियों का अस्तित्व रहा हो पर यहां अध्यात्मिक लोकतंत्र शाश्वत बना रहा है। इस कारण से इसे विश्व में लोकतंत्र की मां का दर्जा हासिल है । मानव समाज में जितनी भी शासन व्यवस्थाएं विकसित की गई हैं उसमें लोकतंत्र से बेहतर व्यवस्था कोई नहीं है। लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें आप अपनी क्षमता को महसूस कर सके उसको साकार कर सकें तथा पूरी तरह फलीभूत कर सकें। चुनौतियां हमारा भविष्य नहीं तय करेंगी बल्कि हम तय करेंगे कि चुनौतियों के बीच हमारा भविष्य कैसा होगा।