बरेली कांड: इस घटना ने पुराने जख्मों को एक बार फिर किया ताज़ा
टूट रहा मनोबल पिटते रहे पुलिसकर्मी
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। 14 जून 2013 – वाराणसी जिले के बारा थाने में तैनात स्टेशन अफसर राजेन्द्र द्विवेदी की बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। दो मार्च 2013 – प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में DSP जिया उल हक की पीट पीटकर मौत की नींद सुला दिया गया। वर्ष 2011 में राजधानी लखनऊ के जिया मऊ के पास बदमाशों ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ओएसडी की गोली मारकर हत्या कर सरकारी कार्बाइन लूट ले गए।
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यह तो महज़ बानगी भर है और भी कई पुलिस के जवान अपराधियों की गोलियों का निशाना बन चुके हैं। कुछ के कातिल पकड़े गए तो कुछ के हत्यारे अभी आजाद बनकर घूम रहे हैं। बरेली जिले के कैंट थाना क्षेत्र स्थित नरकटिया पुलिस चौकी में शुक्रवार की रात चौकी में घुसकर जिस तरह से बदमाशों ने सिपाही विशाल शर्मा पर गोलियों की बौछार कर घायल किया तो एक बार फिर इस घटना ने पुराने जख्मों को ताज़ा कर दिया। सुनने में तीखा लगेगा, मगर सौ फीसदी सच है। नरकटिया पुलिस चौकी में तैनात सिपाही विशाल शर्मा के साथ हुई घटना के दौरान कानून व्यवस्था के रखवाले कहां थे जब बदमाश पुलिस चौकी के भीतर गोलियों की बौछार कर रहे थे। यह सवाल फिलहाल हर किसी को बेचैन कर रहा है।
,,, पुलिस पर भारी पड़ रहे बेखौफ अपराधी,,,
सूबे में लगातार पुलिस का इकबाल धाराशाई हो रहा है, जबकि अपराधियों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। प्रदेश में पुलिस महानिदेशक DS चौहान को डीजीपी की कुर्सी मिली तब लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब अपराधियों की सक्रियता ढीली पड़ेगी, लेकिन हुआ इसके ठीक उल्टा। बरेली जिले में जिस तरह पुलिस चौकी में घुसकर बदमाशों ने सिपाही के ऊपर गोलियों की बौछार की इससे यही लग रहा है कि पुलिस पर भारी पड़ रहे बेखौफ अपराधी।