सिद्धार्थनगर। सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार को लोकसभा में सिद्धार्थनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों और गरीब लोगों को बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन करने के लिए केंद्रीय अध्ययन टीम भेजने की मांग की है। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार को लोकसभा में शून्य काल के दौरान अपने सिद्धार्थनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में बूढ़ी राप्ती नदी, राप्ती नदी और गंडक नदी के बढ़ते स्तर के कारण सिद्धार्थनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व बाढ़ कि समस्या का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार में बाढ़ के कारण सिद्धार्थनगर के 8730 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई और 580 गांव प्रभावित थे। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों के 2235 गांव लगातार बारिश, नदियों के उफान और तटबंध टूटने के कारण जलमग्न हो गया।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले 12 दिनों में यूपी ने सामूहिक रूप से 145.3 MM बारिश दर्ज की है जो सामान्य बारिश कि तुलना में 657 प्रतिशत की अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई है। प्रभावित जिलों में सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस बाढ़ से करीब यूपी के 13.5 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण किसानों कि धान की फसल बर्बाद हो गईं है। साथ ही कई मकान और सड़क ध्वस्त हो गए। उन्होंने केंद्र सरकार से यूपी के किसानों और गरीब लोगों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय अध्ययन टीम भेजने को कहा है।