राजधानी दिल्ली में आज से सियासी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव की मतगणना भी शुरू हो चुकी है। इसी के साथ आज से संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने जा रहा है। सात दिसंबर से शुरू होकर यह शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक प्रस्तावित है। सत्र को लेकर मंगलवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक भी आयोजित हुई। बैठक में 31 दलों के नेताओं ने भाग लिया।
इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, डीएमके सांसद टी आर बालू, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ कई दूसरे बड़े नेता शामिल हुए। इस बार संसद का शीतकालीन सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण है। संसद भवन में यह आखिरी सत्र होगा। इसके बाद साल 2023 में बजट सत्र होगा जो कि संसद की नई बिल्डिंग में पहला सत्र होगा। कल गुरुवार को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आने हैं। बता दें कि साल में तीन बार सत्र आयोजित किए जाते हैं। इसकी शुरुआत बजट सत्र से होती है। जो साल के शुरुआत में होता है और सबसे लंबे वक्त तक चलता भी है। इसके बाद जुलाई-अगस्त में मॉनसून सत्र का आयोजन होता है और फिर आखिर में शीतकालीन सत्र या विंटर सेशन होता है।
23 दिन के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार इन महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराएगी,
23 दिन के शीतकालीन सत्र में जहां केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए तैयार है। वहीं विपक्ष की सरकार को कई मुद्दों पर घेरने के लिए तैयारी किए हुए हैं। इसी को लेकर आज सत्र पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी नेताओं के साथ बैठक भी कर रहे हैं। संसद के इस सत्र में टक्कर बराबरी की रहने की संभावना है। संसद में सरकार कुल 16 बिल पेश करेगी तो वहीं कांग्रेस भी इस सत्र में 16 मुद्दों को उठाने वाली है। सरकार द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों में बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, बहु-राज्यीय सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक, संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
इनके अलावा संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, निरसन औरसंशोधन विधेयक, पुराना अनुदान विधेयक ( विनियमन) जैसे बिल भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी राजनीतिक दल संसद में कार्यवाही के दौरान बेरोजगारी, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चीनी घुसपैठ और विदेशी नीति के लिए बाहरी खतरा, एम्स पर साइबर हमला और लाखों की डाटा चोरी आशंका, किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने में केंद्र सरकार की विफलता, किसानों की समस्या, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, असम-मेघालय सीमा विवाद, समेत कई मुद्दों पर मोदी सरकार से जवाब मांगेगी।