- असलहा तस्करों का बढ़ता नेटवर्क बना चुनौती
- कई सनसनीखेज घटनाओं के बाद भी नहीं चेत रही पुलिस
- वाराणसी के बाद अब राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने फैलाई दहशत
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कभी दिनदहाड़े, कभी रात तो कभी सुबह तड़के। हर पहर होने गोलीकांड कानून – व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती खड़ी करते हैं, लेकिन इनसे निपटने के लिए पुलिस की कार्रवाई महज़ आरोपियों की गिरफ्तारी तक सीमित रहती है।
पिछले कुछ साल और हाल में हुई घटनाओं की बात छोड़ दें सिर्फ 24 घंटे के भीतर जिस तरह से लखनऊ और वाराणसी में अपराधियों ने गोलियों की बौछार कर सनसनी फैलाई इससे यही लग रहा है कि दूसरे राज्यों से आने वाले अवैध असलहों की तस्करी का केंद्र एक बार फिर बड़ा बन चुका है। बेखौफ अपराधी इन असलहों के बूते दहशत फैला रहे हैं।
अपराधियों के आतंक पर गौर करें तो वाराणसी जिले के बड़ा गांव थानाक्षेत्र में दरोगा अजय यादव को गोली मारकर सरकारी पिस्टल लूटने वाले इनामी बदमाश बिहार निवासी रजनीश उर्फ बऊआ व मनीष सिंह को घेरेबंदी कर पकड़ने का प्रयास किया तो दोनों ने पुलिस पार्टी पर ताबड़तोड़ फायरिंग झोंक एक पुलिस के जवान को ज़ख्मी कर दिया, लेकिन पुलिस की कार्रवाई में दोनों खूंखार ढेर हो गए। दो बदमाशों को ढेर कर यूपी पुलिस वाहवाही बटोर रही थी कि राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर क्षेत्र स्थित पिकनिक स्पॉट रोड पर सोमवार रात बेखौफ बदमाशों ने कैलाश कुंज निवासी फर्नीचर कारोबारी मोहम्मद शाहिद अली उर्फ गुड्डू के ऊपर गोलियों की बौछार कर सनसनी फैला दी। शाहिद ट्रामा सेंटर में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
अवैध असलहों की धरपकड़ की बात करें तो यूपी पुलिस कई बार अवैध असलहों की तस्करी करने वाले गिरोहों का भंडाफोड़ कर भारी मात्रा में अवैध असलहा बरामद किया, असलहों की खेप कहां और किसके पास पहुंचाईं जा रही हैं, लेकिन कड़वा सच यही है कि पुलिस उनकी गर्दन तक पहुंचने में हमेशा असफल नज़र आई। नतीजतन हर महीने अवैध असलहों से निकलीं गोलियां किसी न किसी की जान ले रही है। यही नहीं पुलिस की टीमें जब भी एनकाउंटर में बदमाशों को पकड़ा तो सबसे पहले जिम्मेदार पुलिस अफसरों का बयान जारी होता है कि पुलिस को देख बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग झोंकी। इस बाबत एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि असलहा तस्करों व उनके खरीदारों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।