मंदिरों वाले शहर बाली में होने जा रहे G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने PM मोदी आज होंगे रवाना, इंडोनेशिया-भारत का सदियों से रहा है नाता

नया लुक ब्यूरो


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज इंडोनेशिया के शहर बाली के लिए रवाना होंगे। वे लगभग 10 विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और इंडोनेशिया में भारतीय प्रवासियों से जुड़ने के लिए एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में तीन प्रमुख सत्रों खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल में भाग लेंगे।

क्वात्रा ने कहा कि मोदी और अन्य नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, डिजिटल परिवर्तन आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 15-16 नवंबर को होने जा रहे G-20 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, जर्मन चांसलर औलाफ स्कोल्ज के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पहुंचेंगे।इस बार रूस के राष्ट्रपति पुतिन शामिल नहीं होंगे। मीटिंग से इतर बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात भी होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटिश पीएम सुनक से दोनों देशों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत करेंगे। जी-20 विश्व की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है।

इस समूह में भारत और इंडोनेशिया के अलावा अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, चीन, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य,मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, यूके, तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। बता दें कि भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों सालों से सांस्कृतिक संबंध बने हुए हैं। भारत और इंडोनेशिया में हिंदू संस्कृति का प्रभाव ज्यादा है। इंडोनेशिया के लोग रामायण, महाभारत के प्रति श्रद्धाभाव रखते हैं और योगेश्वर श्रीकृष्ण धनुर्धर अर्जुन तथा वैदिक साहित्य में शामिल विभूतियों के प्रति श्रद्धा रखते हैं। इंडोनेशिया का एक द्वीप बाली तो हिंदू बहुल होने की वजह से ‘हिंदू बाली’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोग हिंदू धर्म को अपना कर इसे हिंदू बहुल क्षेत्र बनाए हुए हैं।

ये भारत से उस देश में आकर बसे लोगों की संतानें नहीं हैं अपितु वहां के मूल निवासी हैं जिन्होंने सैकड़ों वर्ष पहले बौद्ध या हिंदू धर्म अपनाया था। यहां की मुख्य मुद्रा भी रुपिया कहलाती है जो भारत की मुद्रा रुपया से अनुरूपता को जताती है। उनकी भाषा को ‘बहासा इंदोनेसिया’ कहते हैं। उनके कई शब्द भी भारत से मिलते हैं। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में ‘योगकर्ता’ स्थित हिन्दू मंदिरों में समय-समय पर रामायण और महाभारत की कथाओं का आयोजन किया जाता है और बैले नृत्य भी पेश किए जाते हैं। कृष्ण-राधा की झांकियां भी प्रस्तुत की जाती हैं। इंडोनेशिया में रामलीला का मंचन भी किया जाता है। रिवाजों की प्रेरणा का स्रोत हिंदू धर्म ही है। बाली की प्राकृतिक छटा देखकर वापस जाने का मन नहीं करेगा। यहां पर घूमते समय आप भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे, इंडोनेशिया में बाली मंदिरों का शहर कहलाता है। बाली में हिन्दू मंदिरों की संख्या लगभग 5-6 हजार बताई जाती है। महिलाओं में धर्म के प्रति आस्था का भाव वहां भी भारत के जैसी ही है।

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