आनन्दनगर/महराजगंज। वृद्ध जनों के सुख दुःख को बांटे यही उनकी आत्मा के शांति के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त बातें पूर्व प्रोफेसर स्व 0 डॉ घनश्याम पाण्डेय की धर्मपत्नी स्व 0 कवयित्री व प्रोफेसर डॉ गांगी पाण्डेय के स्मृति शेष पर आधारशिला वृद्धा आश्रम गनेशपुर में आयोजित दशवीं पुण्य तिथि पर कहीं। उन्होंने कहा कि मेरी माता से पिता को प्रेरणा मिलती थी। स्व0 कवयित्री व प्रोफेसर डॉ गांगी पाण्डेय घर की धूरी थी। उक्त कार्यक्रम माता रानी रुमाली देवी नटुवा बाजार महराजगंज में भी मनाया गया। अवकाश प्राप्त प्रवक्ता शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि डॉ घनश्याम पाण्डेय व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने शिक्षा का अलख जगाया ।
वह राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, व शैक्षणिक क्षेत्र में सक्रिय रहते थे। पूर्व सभासद रविन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि संघर्ष से अमृत की प्राप्ति होती है। वरिष्ठ पत्रकार विशुनदेव त्रिपाठी ने कहा कि माता -पिता के पदचिन्हों पर चलना ही उनकी आत्मा के शांति के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अंत में कवयित्री व प्रोफेसर डॉक्टर गांगी पाण्डेय के दशवीं पुण्य तिथि पर आधार शिला वृद्धा आश्रम गनेशपुर में रह रहे बुजुर्गो को उनके सुपुत्र आदित्य श्यामदेव पाण्डेय व उनकी पत्नी श्रेया पाण्डेय ने गर्म कपड़े व फल देकर सम्मानित किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दौरान दीपक, हरिशंकर, देवेंद्र, अंकित, पूजा, सूर्य कान्ति, आधार शिला वृद्धा आश्रम गनेशपुर के प्रबंधक प्रदीप कटियार, ध्रुव मिश्र, गोपाल राठौर, अरुण कुमार श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार दुबे, विशाल द्विवेदी,सोनू पासवान,मणिशंकर पाण्डेय, सीमा,विन्दी ,व जसमती सहित आधार शिला वृद्धा आश्रम गनेशपुर के कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप्रज्जवलन कर हुआ।