केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से मांगी ज़मीनी रिपोर्ट,
फर्ज़ी लाभुकों से ब्याज़ सहित राशि वसूलने की तैयारी में सरकार,
रंजन कुमार सिंह
झारखंड में करीब 11 लाख से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का गलत तरीके से लाभ लिया है। इसके कारण असली लाभुकों को लाभ मिलने में परेशानी हुई है। देश के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए पीएम किसान निधि सम्मान योजना चलायी जा रही है। इसके तहत देश के किसानो को एक साल में छह हजार रुपए दिए जाते हैं। किसानों के लिए कल्याणकारी इस योजना में फर्जीवाड़ा की खबरें सामने आ रही हैं। झारखंड में इस योजना में फर्जीवाड़ा हुआ है। मामला सामने आने के बाद सरकार भी एक्शन में आ गयी है और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है। इतना ही नहीं अब ऐसे लोगों से राशि भी वसूलने की तैयारी की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में करीब 11 लाख से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का गलत तरीक से लाभ लिया है। इसके कारण असली लाभुकों को लाभ मिलने में परेशानी हुई है। अब सरकार ऐसे लोगों की पहचान करने करने में लगी हुई है। इन फर्जी लाभुकों की पहचान करने के बाद सरकार द्वारा ऐसे लोगो की भुगतान की गई राशि ब्याज के साथ वसूली जायेगी। इससे संबंधित रिपोर्ट भी केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा झारखंड समेत सभी राज्यों से मांगी है।
11 लाख से अधिक लाभुकों ने जमा नहीं किए हैं कागजात
इतना ही नहीं केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ऐसे लोगों के गलत तरीके से पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे लोगों को स्कीम के तहत दिए जा रहे लाभ को रोक दिया गया है। अब उन लोगों को पैसे नहीं दिए जाएंगे जिनकी जमीन के कागजात अपडेट नहीं है। राज्य में पीएम किसान योजना के तहत लाभुकों के सूची की स्कैनिंग की गई है। जिसमें अब तक कुल 11 लाख 20 हजार 323 लाभुक ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने पिछले तीन साल में भी अपने जमीन के कागजात जमा नहीं किए हैं। इसके अलाव 4।07 लाख ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपना केवाईसी अपडेट नहीं कराया है। इस तरह से झारखंड के कुल 15 लाख 27 हजार किसान जांच के दायरे में हैं।
30 लाख से अधिक किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
जाहिर सी बात है जिन किसानों ने अब तक केवाईसी नहीं कराया है उनके खाते में पैसे नहीं आएंगे। उनके पैसे रुक जाएंगे। राज्य में लाभ किसानों की संख्या की बात करें तो झारखंड में वर्ष 2019 में मई महीने तक पीएम किसान स्कीम के तहत कुल 30 लाख 97 हजार 946 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इन किसानों को अब तर चार से छह किस्त का भुगतान भी कर दिया गया है। पर अब इन लाभुकों में से 15 लाख 27 लाभुकों के खातों में पैसे का ट्रांसफर नहीं किया गया है। इनके अकाउंट में राशि भेजने पर रोक लगा जी रही है।
देवघर में सबसे अधिक फर्जीवाड़े की आशंका
देवघर में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा होने की आशंका जतायी जा रही है। यहां के 61442 किसानों की जमीन के कागजात उपलब्ध नहीं हो सके हैं। इसी तरह पलामू जिले में 36536, गोड्डा में 32662, चतरा में 29551, गिरिडीह में 27215, हजारीबाग में 25574 और रांची में 21973 किसान ऐसे हैं, जिनकी जमीन का सही-सही ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। कई जिलों में गलत तरीके से भुगतान लेने वालों को नोटिस भी जारी किया गया है। पैन एवं आधार कार्ड के जरिये ऐसे किसानों की पहचान की जा रही है। जो किसान केवाईसी अपडेट करा लेंगे, उन्हें स्कीम का लाभ आगे दिया जा सकेगा।