भारतीय मानवाधिकार परिवार के जिलाध्यक्ष नीलू रुंगटा की अगुवाई में बाढ़ प्रभावित बालानगर, कचरिहवा,लालपुर गांव में बटवारा खाद्यान्न
शोहरतगढ़/सिद्धार्थ नगर। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के महदेइया गाँव के दक्षिण स्थित बालानगर,कचरिहवा, लालपुर आदि गाँवों के चारों तरफ पानी से घिरा हुआ है। जो टापू का रूप ले चुके है। करीब 13 दिन से शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के कोटिया दीगर आदि गाँव अब भी बाढ़ की चपेट में है। कोटिया दीगर गांव के ग्रामीणों का कहना हैं 13 दिनों के बाद भी शासन प्रशासन के तरफ से किसी प्रकार की मदद नही मिली और न ही किसी जनप्रतिनिधियों की नज़र ही पड़ी है। मंगलवार को भारतीय मानवाधिकार परिवार के सिद्धार्थ नगर जिलाध्यक्ष नीलू रुंगटा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बालानगर, कचरिहवा, लालपुर आदि गावों में अपनी टीम के साथ बिस्कुट,पानी,कपड़ा आदि लेकर महदेइया गाँव के दक्षिण होकर जाने वाले गाँव बालानगर, कचरिहवा, लालपुर आदि में जब उन्हें आने-जाने का रास्ता नही मिला और न ही बोट मिली तो स्थानीय ग्रामीणों की मदद से नाव से मजबूरन क्षेत्रीय सुग्रीम यादव, सिंगर गौरी शंकर देहाती समेत ग्रामीणों की मदद से गाँव मे पहुंच कर बिस्कुट,पानी कपड़ा बटवारा।
गाँव में खाद्यान्न बटवाने के दौरान सुग्रीम यादव ने बताया कि बिजली, स्वास्थ्य सुविधाओं की संकट है, जिस पर भारतीय मानवाधिकार परिवार ने भरोसा दिलाया कि हमारी टीम शासन प्रशासन से मदद दिलाने की बात कही। भारतीय मानवाधिकार परिवार की टीम ग्राम पंचायत बसाहिया के टोला लक्ष्मी नगर में जरूरतमंदों को भी बिस्कुट, पानी,कपड़ा आदि सामन बटवाया।ग्राम पंचायत बसहिया ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र निषाद ने कहा कि बालानगर, कचरिहवा,लालपुर आदि गांव में प्रशासन से कोई मदद नही मिली है, जबकि यहाँ के लोग काफी परेशान है। साथ ही बाढ़ के कारण फसल खराब हो गयी है और तहसील प्रशासन के लोग क्षेत्र को मैरुण्ड नही घोषित कर रहे है, जबकि क्षेत्र की फसल पूरी तरह से बरबाद हो चुकी है। बिजली विभाग के जेई सुरेंद्र कुमार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि फाल्ट मिल गया है, शीघ्र ही सप्लाई चालू हो जाएगी।