बाबा बेलखरनाथ धाम बना ग्राम सभा का धन लूटने का अड्डा
पट्टी। ब्लाक स्तर पर कार्यरत अधिकारी तथा ग्राम सचिव ग्राम प्रधानो की मिलीभगत से एक तरह से टीम है जो लूट करने में माहिर हैं। बाबा बेलखरनाथ धाम इस समय सबसे अधिक ग्रामीणों के हक का धन लूटने का अड्डा बन गया है। बड़े बड़े घाघ राजनीतिक डर दिखाकर सरकार के खजाने को खाली करने में लगे हुए हैं। ईमानदारी से अगर जांच करा दिया जाए तो कम से चार दर्जन से अधिक प्रधान तथा सचिव के लिए जेल के अलावा कोई जगह नहीं है। जिस तरह से विकास के नाम पर लंबा खेला किया जा रहा है। अधिकारी भी यह सब जानते हैं इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है। गरीबों का हक खाने वाले लूटेरे किस्म के प्रधान तथा सचिवों को बचाने में नेता और अधिकारी भी कमीशन खा कर पनाह देते हैं। जिस गांव का कायाकल्प होना चाहिए था। वह गांव और भी बुरी तरह से विकास को दीमक लग रहा है।
गांव के विकास से जुड़े तमाम कार्य योजना तैयार तो हो गई लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है। जिस गांव में सिर्फ केवल सिर्फ हैंडपंप रीबोर मरम्मत कार्य में लाखों रुपए खर्च कर दिया गया हो वो गांव कैसे विकास का स्वाद चखेगा कही न कही सवाल यह है कि इस तरह के घोटाला सामने आने पर अधिकारी जांच कराकर कार्यवाही करने के बजाए भ्रष्टाचारियों को बचाने में क्यों जुट जाते हैं। ग्राम पंचायत के चुनाव के दौरान लगभग 75% ऐसे प्रत्याशी होते हैं जो पैसों के बल पर ग्रामीणों के वोट को खरीद लेते हैं। बाद में चुनाव जीतने के बाद खर्च किए गए पैसे को बड़ी तेजी के साथ उसे बटोरने में लगे हुए हैं। हालात यह है कि ग्राम सभा में आए हुए धन का इस कदर बंदरबांट किया गया है जिन्हें ग्रामीणों को आज तक पता नहीं चला। फर्जी तरीके से भुगतान हो रहा है।