मानवाधिकार की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने उठाया महत्वपूर्ण कदम : धनखड़

नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों तक पहुंचाना मानवाधिकार की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। धनखड़ ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के 30वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 20 लाख घरों तक मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जाने से समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर सीमित संख्या में गैस कनेक्शन लोगों को मिल पाता था, लेकिन अब सरकार लगातार जरूरतमंदों को खासकर वंचित और गरीब वर्गों को मुफ्त में कनेक्शन दे रही है।

धनखड़ ने कहा कि वास्तविक स्वतंत्रता का अर्थ यह है कि लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हों। तकनीक के विकास एवं सरकार की कोशिशों से लोगों के खातों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंच रहा है। इस दिशा में हालांकि और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है ताकि समाज का कोई व्यक्ति जरूरी सुविधाओं से वंचित न रह जाए। समारोह के मुख्य अतिथि धनखड़ ने मानवाधिकार आयोगों को कमजोर वर्गों की आवाज बताते हुए मीडिया से अपील की कि आयोग द्वारा किए गए प्रयासों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करें, ताकि जरूरतमंदों को अधिक से अधिक मदद की जा सके। उनकी आवाज संबंधित संस्थाओं एवं विभागों तक पहुंचाई जा सके। नई दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मानवाधिकार को केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के संरक्षण के संकीर्ण अर्थों में नहीं, बल्कि व्यापक संदर्भ में समझना होगा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उपराज्यपाल के तौर पर उन्होंने मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को उठाया उसी प्रकार से सभी राज्यों में उठाए जाने की आवश्यकता है।  राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा ने कहा कि आयोग की ओर से समाज के वंचित लोगों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्तियों तक आर्थिक और सामाजिक आरक्षण का वास्तविक लाभ पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित‌ किए जाने की आवश्यकता है। उनके सर्वांग विकास के लिए आरक्षण के भीतर आरक्षण दिया जाना समय की मांग है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने जेल की व्यवस्थाओं में व्यापक सुधार किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आयोग द्वारा हाल में ग्वालियर, आगरा और रांची के मानसिक रोग विशेषज्ञ अस्पतालों में दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि अस्पतालों की स्थिति में सुधार लाए जाने की जरूरत है। उन्होंने मानव तस्करी की दुनिया भर में बढ़ने की प्रवृत्ति पर चिंता प्रकट करते हुए इसे रोकने के लिए समाज के हर तबके का सहयोग देने की अपील की। (वार्ता)

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