नवदुर्गा का षष्टम स्वरूप

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

नवरात्रि के छठे देवी कात्यायनी की आराधना होती है। वह ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुई थी। इसलिए कात्यायनी के नाम से प्रतिष्ठित हुईं।पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन ने देवी दुर्गा की कठोर तपस्या की थी। ऋषि की तपस्या से देवी दुर्गा प्रसन्न हुईं और उनके सामने प्रकट होकर दर्शन दिए। देवी ने ऋषि कात्यायन से कहा कि वत्स मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं,वर मांगों। ऋषि कात्यायन ने मां दुर्गा से कहा आप मेरे घर पुत्री बनकर जन्म लीजिए। देवी यह वरदान दे दिया।

इसके बाद देवी ऋषि के घर पुत्री बनकर जन्म लिया। दिव्य रूप देवी कात्यायनी चार भुजा धारी हैं। उनकी कांति स्वर्ण के समान है। उनका वाहन सिंह है। उनके एक हाथ में तलवार दूसरे में पुष्प कमल है। अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं। यजुर्वेद में प्रथम बार ‘कात्यायनी’ नाम का उल्लेख मिलता है। देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए आदि शक्ति देवी के रूप में महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई थीं। वह असुरों का नाश करती हैं।

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥

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जन्म के महीने से भी जाना जा सकता है स्त्रियों का स्वभाव

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैसे स्त्रियों के बारे में भविष्यवाणी करना आसान नहीं होता। कहां भी जाता है त्रिया चरित्र समझ पाना बहुत टेढ़ी खीर है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र केवल भविष्य को लेकर सजग नहीं करता। यह ऐसा विज्ञान है जो इंसान की प्रवृत्ति, प्रकृति और उसके स्वभाव को भी बयां कर देता है। […]

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तो वैशाख माह में जरूर करें ये उपाय

  jyotishacharya Dr Umashankar mishra हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह का शुभारंभ 24 अप्रैल से शुरू हुआ। यह माह हिंदू नववर्ष का दूसरा महीना है। मान्यता है कि इस माह में पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में कुछ उपाय करने से […]

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कड़ा, ब्रेसलेट या लॉकेट पहनें सोच-समझकर, इससे हो सकता है नुकसान

यह रत्न कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र आजकल हाथ में कड़ा पहनने के अलावा ब्रेसलेट आदि पहने का चलन भी हो चला है। कुछ लोग तो फैशन के चलते गले में ऐसी वस्तुएं या लॉकेट भी लटकाने लगे हैं जिनसे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन फैशन […]

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