जगदंबा का चतुर्थ स्वरूप

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

नवदुर्गा पर्व के नौ दिन आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते है। यह साधक पर निर्भर करता है कि वह अपने आत्मप्रकाश को कितना जाग्रत करता है। देवी सूर्य की भांति तेजस्वी है। इनका चतुर्थ स्वरूप भी विलक्षण है। उनका भव्य दिव्य स्वरूप साधक को आत्मिक प्रकाश प्रदान करता है। मेघा प्रज्ञा का जागरण होता है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। इनके वह कमण्डल,धनुष बाण,कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश,चक्र,जपमाला तथा गदा धारण करती है। इनका वाहन सिंह है। उनका यह स्वरूप जप तप व कर्मयोग की प्रेरणा देता है।

उनकी उपासना से कल्याण होता है। इन्हें अष्टभुजा भी कहा गया। पुराणों के अनुसार मां अपनी हंसी से संपूर्ण ब्रह्मांड को उत्पन्न करती हैं। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था,तब इन्होंने अपने हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी। वह सृष्टि की आदि स्वरूपा शक्ति हैं। एक मान्यता के अनुसार उदर से अंड अर्थात् ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण वह कूष्मांडा देवी के रूप में प्रतिष्ठित हुई।

इनका मंत्र है

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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जन्म के महीने से भी जाना जा सकता है स्त्रियों का स्वभाव

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैसे स्त्रियों के बारे में भविष्यवाणी करना आसान नहीं होता। कहां भी जाता है त्रिया चरित्र समझ पाना बहुत टेढ़ी खीर है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र केवल भविष्य को लेकर सजग नहीं करता। यह ऐसा विज्ञान है जो इंसान की प्रवृत्ति, प्रकृति और उसके स्वभाव को भी बयां कर देता है। […]

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तो वैशाख माह में जरूर करें ये उपाय

  jyotishacharya Dr Umashankar mishra हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह का शुभारंभ 24 अप्रैल से शुरू हुआ। यह माह हिंदू नववर्ष का दूसरा महीना है। मान्यता है कि इस माह में पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में कुछ उपाय करने से […]

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कड़ा, ब्रेसलेट या लॉकेट पहनें सोच-समझकर, इससे हो सकता है नुकसान

यह रत्न कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र आजकल हाथ में कड़ा पहनने के अलावा ब्रेसलेट आदि पहने का चलन भी हो चला है। कुछ लोग तो फैशन के चलते गले में ऐसी वस्तुएं या लॉकेट भी लटकाने लगे हैं जिनसे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन फैशन […]

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