लखनऊ । भारत सरकार ने जिन जरूरी दवाओं की लिस्ट बनाई है उसे हर एक हॉस्पिटल को रखना ही होगा। जिसको लेकर अब देश भर के सभी हॉस्पिटल वो चाहे सरकारी हों या प्राइवेट इसका पालन करना ही होगा। जीवन रक्षक ऐसी दवाओं को अपने यहाँ जरूर रखें, खास तौर पर जिनका नाम लिस्ट में है उन दवाओं को उन्हें रखना ही होगा। कौन कौन सी बीमारियों में हो सकता है।
इनका इलाज भारत सरकार की ओर से जारी की गई इन दवाओं की लिस्ट में मलेरिया, डेंगू, टीबी, कैंसर, सर्दी, खांसी, जुकाम समेत दर्जनो अन्य बीमारियों के प्रभाव को रोककर स्वास्थ्य लाभ के लिए इन्हे जारी किया गया है। 2015 में जरूरी दवाओं की लिस्ट में 26 दवाओं को बाहर करते हुए 34 नई दवाएं भारत सरकर ने इसके पहले वर्ष 2015 में नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन जारी थी, उस लिस्ट से इस बार 26 दवाओं को बाहर कर दिया गया है।
जबकि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली चार दवाओं समेत 34 नई मेडिसिन को भी जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि इन दवाओं को सरकार ने बेचने और खरीदने की मंजूरी दी है। ऐसे में अब 384 दवाओं इस लिस्ट में जोड़कर उन्हे हॉस्पिटल में रखने और बेचने की परमिशन दी गई है। NLEM 2022 में ज़्यादातर दवाएं एंटी-इन्फेक्टिव जैसे एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल आदि हैं। मधुमेह, HIV, टीबी, कैंसर की कुछ दवाएं, गर्भनिरोधक, हार्मोनल दवाएं, कुछ रक्त के थक्के, विकारों से संबंधित दवाएं, सामान्य एंटीबायोटिक्स जैसे मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, लोकप्रिय एंटी-डायबिटिक दवाएं जैसे इंसुलिन ग्लार्गिन और टेनेलिग्लिप्टिन NLEM 2022 को शामिल किया गया है। (BNE)