कविता : पतवार संभाल के चलाना पड़ता है

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

धूप छाँव से डरने वाले कृषक की
फसल बो कर तैयार कहाँ होती है,
डर डर तैराकी की कोशिश करने
वाले की नदिया पार कहाँ होती है।

हवाई जहाज़ उड़ाना सीखने वाले
पाइलट को दिल थामना पड़ता है,
नदी में नौका खेने वाले नाविक को,
पतवार सम्भाल के चलाना पड़ता है।

पिपीलिका दाने ले लेकर चलती है,
ऊँचे चढ़ते हुये हर बार फिसलती है,
चिड़िया दाना चुगकर मीलों उड़ती है,
मन में विश्वास और साहस भरती है।

मेरी रचनायें मेरी कवितायें,मन की पुकार

पर्वत पर आरोही चढ़कर गिरता है,
गिरता चढ़ता चोटी पर पहुँचता है,
उसकी मेहनत बेकार नहीं होती है,
वही कोशिश आखिर साकार होती है।

गोताखोर गहरे पानी में स्वाँस थाम
डुबकी लगाकर ऊपर आ जाता है,
कोई कोई ख़ाली हाथ लौट आता है,
कोई शंख तो कोई मोती ले आता है।

मंज़िल पर आगे बढ़ने वाले राही को
झंझावतों का सामना करना पड़ता है,
जज़्बाती ख़्वाब भूलकर हिम्मत और
साहस के साथ निडर चलना पड़ता है।

चुनौतियों को स्वीकार करना पड़ता है,
हर हार को जीत में बदलना पड़ता है,
ग़लतियाँ करके सुधारना पड़ता है,
जीत के लिए नींद त्यागना पड़ता है।

संघर्ष में जंग पर डटे रहना पड़ता है,
विपरीत घोष को अपने जय घोष से
ताक़तवर बन कर दबाना पड़ता है,
आदित्य तब जयकार सफल होता है।

 

Litreture

लघु-कथाकार नोबेल विजेताः एलिस का चला जाना !

के. विक्रम राव साहित्य के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार की विजेता एलिस मुनरो का कल (15 मई 2024) कनाडाई नगर ओंतारियों में निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं। मतिभ्रम से पीड़ित थीं। लघु-कथा लेखिका के रूप में मशहूर एलिस की समता भारतीय लघुकथाकार मुल्कराज आनंद और आरके नारायण से की जाती है। रूसी कथाकार […]

Read More
Litreture

नार्वे के भारतीय लेखक के दो लघु कथाओं की समीक्षा

समीक्षक: डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी प्रेम प्रस्ताव(लघुकथा) कथाकार-सुरेश चंद्र शुक्ल’ शरद आलोक’ समीक्षक- डॉ ऋषि कमार मणि त्रिपाठी लेखक ने ओस्लो के एक चर्च मे मारिया के पति के अंतिम संस्कार के एक दृश्य का वर्णन किया है। किस प्रकार लोग शामिल हुए,फूलों के गुलदस्तों मे संदेश और श्रद्धांजलि देने वालो के नाम लिखे […]

Read More
Litreture

चार लघु कथाओं की समीक्षा

समीक्षक: डॉ ऋषिकुमार मणि त्रिपाठी लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ लघु कथा एक झलक लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ साग्न स्टूडेंट टाउन से मशहूर क्लब सेवेन शहर ओस्लो के मध्य रात ग्यारह बजे आगए। डिस्कोथेक के जीवंन्त संगीत आर्केस्ट्रा सभी नि:शुल्क प्रवेश  मदिरा पीकर अनजान लड़कियो के बांहो मे बाहें डाले रात भर नाचते। मै […]

Read More