Sri Hanuman ji uses his power to burn the glass Lanka.

Uttar Pradesh
सृष्टि का स्थाई भाव नहीं है भौतिक विकास की काँचन काया
सृष्टि का स्थाई भाव नहीं है भौतिक विकास की काँचन काया जगत के भौतिक विकास का काँचन स्वरूप कभी भी स्थाई नहीं रहा हैं। आगे भी नहीं रहेगा। कामिनी और कंचन के प्रभाव में जगत की काया तभी तक चमक पाती है जब तक यहां राम तत्व का प्राकट्य गौण रहता है। राम का प्रभाव […]
Read More