ईसा मसीह
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ओशो की यह वाणी पढ़कर आँखें हो जाएँगी नमः स्त्री इतनी कामुक कभी भी नहीं है, जितने पुरुष कामुक हैं
स्त्री की कामवासना को अगर न जगाया जाए तो स्त्री कभी आतुर नहीं होती। स्त्री को दी गईं गालियां, अपमान, अशोभन शब्द अब तक सदव्यवहार क्यों? आचार्य रजनीश ‘ओशो’ अगर स्त्रियों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना दुर्व्यवहार है, तो मैं ज़रूर दुर्व्यवहार करता हूं। अब तक साधु–संत स्त्रियों के साथ घृणा का व्यवहार करते रहे […]
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राजनीति और बौद्ध धर्मः विश्लेषण जो अंतःकरण को करेगा शांत
कामेश आज धर्म का राजनीतिकरण इस प्रकार हो रहा है कि लोग उन महान विभूतियों के नाम को भी अपने साथ धूमिल करने पर तुले हुए हैं जिन्होंने धर्म के लिए अपना राज्य त्याग दिया और सन्यास धारण कर लिया। उसी में एक नाम है सिद्धार्थ अर्थात भगवान बुद्ध का। सब जानते हैं कि भगवान […]
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