नारी विमर्श : स्वतंत्र भारत में पहली बार स्त्रियों की चिंता की मोदी 

किरन पाण्डेय
किरन पाण्डेय

भारत अंग्रेजी हुकूमत से भले 1947 में मुक्त हुआ लेकिन वास्तव में स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही गंभीर चिंता की और उसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। भारत के लगभग हर प्रांत के हर कोने की महिलाओं को मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। महिलाएं अब वास्तव में आत्मनिर्भर हो रही हैं। ऐसा प्रमाणित हो रहा है कि भाजपा की सरकार केवल घोषणाएं नहीं करती है, वास्तव में जमीन पर उसे उतार कर स्त्रियों की दशा सुधार भी रही है। जमीन पर काम होता दिख रहा है। इसका सबसे ताजा उदाहरण बिहार में ही देखने को मिला है। बिहार में महिलाओं ने खुल कर भाजपा और एन डी ए का साथ दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की योजनाओं, महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की उनकी नीति और योजनाएं बहुत विश्वसनीय हैं। पहली बार सरकार बनाने के बाद ही मोदी  ने हर घर शौचालय की योजना लाकर वास्तव में महिलाओं को इज्जत प्रदान की। उज्ज्वला के माध्यम से महिलाओं की सबसे बड़ी ईंधन की समस्या को हल किया। सभी को आवास दिया। संसद और विधानसभाओं में भागीदारी के लिए नारीशक्ति वंदन कानून लेकर आए। महिला आरक्षण का यह मुद्दा दशकों से लंबित था। ऐसी सैकड़ों योजनाएं है जिनमें महिलाओं को केंद्रित कर नरेंद्र मोदी की सरकार ने कदम उठाए हैं जिनका परिणाम अब प्रभावी हो रहा है।

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भारत की स्त्रियों के लिए एक प्रकार से यह स्वर्णिम काल है। प्रधानमंत्री संवेदनशील दृष्टि स्पष्ट है। अब महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। शिक्षा, कृषि, तकनीक, सुरक्षा, सेना, व्यवसाय, राजनीति और ऐसे लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रियता और भागीदारी बढ़ रही है। फाइटर जेट से लेकर राफेल तक महिलाएं उड़ा रही हैं। बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ का प्रधानमंत्री जी का नारा अब केवल नारा भर नहीं है। यह हकीकत में जमीन पर उतरता दिख रहा है। प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य को साधने में स्त्री शक्ति का रुझान स्पष्ट दिख रहा है। नए भारत के निर्माण में महिलाएं अभूतपूर्व कार्य कर रही हैं। यह केवल केंद्र तक सीमित नहीं है। लगभग सभी प्रदेशों में इसका प्रभाव दिख रहा है।

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बिहार में अभी अभी संपन्न हुए चुनाव में महिलाओं ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। NDA  की भारी सफलता में महिलाओं की यह भूमिका अब अन्य राज्यों में भी दिखेगी। बंगाल में अगले वर्ष के चुनाव में यह भूमिका दिखेगी, ऐसा भरोसा है। उत्तर प्रदेश में नारी सशक्तिकरण की योजनाओं के बारे में कुछ अलग से कहने की जरूरत ही नहीं। यहां योगी आदित्यनाथ  की सरकार की योजनाओं में इसकी महत्ता ठीक से दिख रही है। बदलते और निर्मित होते नए भारत में स्त्री शक्ति अब मुख्य विमर्श में है। यह अद्भुत भी है और सुखद भी।

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