- इस पार्टी ने बनाया उम्मीदवार, दीघा से दिया विधानसभा चुनाव टिकट
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी इस समय जोरो पर है , सभी दलों ने प्रत्यशियों के नामों पर अपनी मुहर लगाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बिहार विधान सभा चुनाव में दिवगंत फिल्म एक्टर सुशांत राजपूत की बहन की एंट्री दिव्या गौतम भी हो गयी है। उन्हें दीघा से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है जबकि अन्य जगहों पर भी कई नाम तय किए जा चुके हैं। इस कदम से महागठबंधन में संतुलन बनाए रखने में बड़ी भूचाल आने की संभावना जताई जा रही है।
ये भी पढ़े
दिवाली से पहले करें इन दिशाओं की सफाई, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
चुनावी मैदान में दिव्या गौतम
बिहार की लोकतांत्रिक राजनीति एक नए अध्याय की ओर बढ़ती नजर आ रही है। चुनावी मोर्चा अभी पूरी तरह से खुला नहीं हुआ है, लेकिन बड़ी पार्टियों ने अपने-अपने दावे शुरू कर दिए हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए हैं। इस दल ने अपने घोषियों की सूची जारी करते हुए सबसे आकर्षक नाम दिव्या गौतम का दीघा से टिकट पर चयन किया है। इससे राज्य भर में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है।
ये भी पढ़े
प्रेमी युगल ने उठाया ऐसा कदम कि सन्न रह गए परिजन, जानें कहां का है मामला
गहराई बिहार की राजनीति
दिव्या गौतम की नियुक्ति महागठबंधन के लिए बड़ी दावेदारी साबित हो सकती है। उनके साथ घोषी की सीट से रामबली सिंह को भी टिकट मिला है। इन घोषणाओं से यह लग रहा है कि अगले कई दिनों तक बिहार की राजनीति काफी गहराई और रणनीति का खेल देखने को मिलेगा। दूसरी ओर माले ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने छह उम्मीदवारों को टिकट दी है, जिनके नाम जिला समितियों ने भी राज्य सचिव मंडल को सुझाए हैं। नवां चुनावी समीकरण प्रसिद्ध नेता रामरतन सिंह को तेघड़ा से, सूर्यकांत पासवान को बखरी से टिकट देना है। वहीं पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार यादव को बांका क्षेत्र, पूर्व सांसद अवधेश कुमार राय को बछवाड़ा, रामनारायण यादव को झंझारपुर और राकेश कुमार पाण्डेय को हरलाखी से उम्मीदवार बनाया गया है।
ये भी पढ़े
सुनकर दहल जाएगा दिल: भारी ख़ौफ़ में शौहर , रात में बीवी बन जाती है नागिन
बिहार की राजनीति में नया आंदोलन
पार्टी ने गोह, बेलदौर और केसरिया सीटों पर भी चुनाव लड़ने की मांग करते हुए ऐतिहासिक तौर पर अपनी भूमिका को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई है। महागठबंधन के सीट बंटवारे की अंतिम सूची जैसे ही सामने आएगी, यह तय हो जाएगा कि किस दल की शक्ति किसी इलाके में कितनी होगी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दिव्या गौतम के चुनावी मैदान में उतरने से बिहार की राजनीति में नया आंदोलन शुरू हो सकता है। जनता उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक क्षमता का अनुमान लगा रही है। जनता की नजरें महागठबंधन के सीट बंटवारे और विपक्ष की रणनीति पर टिकी हैं, जिससे चुनाव 2025 और अधिक रोमांचक सिद्ध हो सकता है। (BNE)
