- पीड़ित पति ने जिला अधिकारी से लगाई गुहार
फतेहपुर। जिले की ललौली थाना क्षेत्र के गंगईपार गांव के रहने वाले चांद ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायती पत्र दिया, लोधीगंज स्थित नैन्सी हॉस्पिटल में अपने गर्भवती पत्नी को पिछले 29 तारीख को दिखाने गया, संचालक अपने आप को डॉक्टर बताते हुए महिला मरीज के पति से कहा कि गर्भ में पल रहा बच्चा सूख गया है। तुरंत ही गर्भपात करना पड़ेगा नहीं तो महिला के जान को भी खतरा है और यह काम मैं स्वयं करूंगा।
हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ ने इलाज करना शुरू
महिला की तबियत बिगड़ने पर पति के द्वारा समस्या बताई गई तो उनके द्वारा हॉस्पिटल से मरीज ले जाने की बात कही इलाज ना होता देख महिला के पति ने जब अपनी पत्नी को बेड से उठाया तो महिला के पेट से बच्चा गिर गया जैसे ही बच्चा नीचे गिरा तो तड़पने लगा इसके बाद महिला को दूसरे अस्पताल में ले जाकर उपचार कराया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लिया है।
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मिली जानकारी के अनुसार मड़ियांव में IIM रोड स्थित निजी अस्पताल में सिजेरियन के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। परिवारीजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा किया। परिवारीजन डॉक्टर और इलाज करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। वहीं, सीतापुर सिधौली निवासी शाहिद की पत्नी जन्नतुन निशां (28) को झटके आ रहे थे। परिवारीजनों ने बुधवार को IIM रोड स्थित निजी अस्पताल में महिला मरीज को भर्ती कराया था।

परिवारीजनों के मुताबिक वह छह माह की गर्भवती थी। पति शाहिद और परिवारीजनों ने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने झटके आने की समस्या को दूर करने के इलाज के बजाय महिला का सिजेरियन कर दिया। छह माह पर ही सिजेरियन करने से प्रीमेच्योर बच्चे की कुछ घंटे में मौत हो गई। गलत इलाज करने का आरोप डॉक्टरों ने महिला को भर्ती रखा। परिवारीजनों का आरोप है कि गलत इलाज करने से गुरुवार को जन्नतुन निशां ने भी दम तोड़ दिया। जच्चा बच्चा दोनों की मौत होने से नाराज परिवारीजनों ने गुरुवार को अस्पताल में खूब हंगामा किया।
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पुलिस ने परिवारीजनों को भरोसा दिया उसके बाद परिवारीजन शांत हुए। परिवार की ओर से पुलिस ने तहरीर ले ली है। इंस्पेक्टर का कहना है कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्राचार कर आगे की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वर्जन निजी अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत के मामले में स्थानीय पुलिस से पत्र मिलने पर जांच करवाई जाएगी। परिवारीजनों की ओर से कोई शिकायत स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली है। जांच में लापरवाही का आरोप सिद्ध होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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