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उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नई दिल्ली। नेपाल और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते सदियों पुराने हैं। नेपाल अपनी जरूरत की ज्यादातर चीजें भारत से ही खरीदता है। जेनरेशन जेड (Gen Z) के विरोध प्रदर्शन और सरकार के गिरने से इस व्यापार पर असर पड़ने की आशंका है। विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ थे। हालांकि, बाद में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो गए। इस वजह से सीमा पर व्यापार में रुकावटें आ सकती हैं। बता दें कि नेपाल अपनी जरूरत की कई चीजें भारत से मंगवाता है। इनमें दवाएं, लोहा, मशीनें, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और चावल-सब्जी जैसे खाने के सामान शामिल हैं। भारत और नेपाल के बीच अच्छा व्यापार होता है। नेपाल ज्यादातर सामान भारत से ही लेता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्ते हैं। नेपाल खाने-पीने की चीजें जैसे चावल, अनाज, सब्जियां, मसाले और चीनी भारत से सबसे ज्यादा मंगवाता है। दवाओं की भी नेपाल में बहुत मांग है। इसके अलावा, लोहा, मशीनें और बिजली के उपकरण भी नेपाल भारत से ही लेता है। नेपाल अपनी ऊर्जा और ईंधन की जरूरतें भी भारत से पूरी करता है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स भारत से आने वाले सामानों में सबसे ऊपर हैं। नेपाल प्लास्टिक, रबर जैसे कच्चे माल और कपड़े-कागज जैसी चीजें भी भारत से ही मंगवाता है।
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आर्थिक रूप से देखा जाए तो भारत नेपाल के लिए बहुत जरूरी है। नेपाल में कई चीजें नहीं बनती हैं। ऐसे में भारत से आने वाला सामान नेपाल के उद्योगों और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी के लिए जरूरी है। यह आर्थिक रिश्ता दोनों देशों के बीच सहयोग और व्यापार को मजबूत करता है। इस तरह भारत-नेपाल का व्यापारिक रिश्ता सिर्फ आर्थिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी दोनों देशों को करीब लाता है। नेपाल के काठमांडू में जेनरेशन जेड (Gen Z) के हिंसक विरोध प्रदर्शनों और सरकार के गिरने का भारत-नेपाल व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है। ये प्रदर्शन पहले सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ थे। लेकिन, बाद में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और खराब शासन के मुद्दों पर केंद्रित हो गए। नेपाल में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता से सीमा पार व्यापार प्रभावित हुआ है। बॉर्डर पर रुकावटें आने से दोनों देशों के बीच सामान की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजामों से भी व्यापार धीमा हो सकता है। भारत से नेपाल में सामान खरीदने वाले उद्योगों को सप्लाई में परेशानी हो सकती है। खासकर दवाएं, मशीनें, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और कृषि वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित हो सकती है।
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इसके अलावा, निवेशकों में डर बढ़ने से नेपाल में आर्थिक गतिविधियां कम हो सकती हैं। इससे भारत में भी व्यापारिक हितों को नुकसान हो सकता है। नेपाल में राजनीतिक स्थिरता न होने से बड़े प्रोजेक्ट्स और दोनों देशों के बीच होने वाले निवेश समझौतों पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि, भारत नेपाल की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि व्यापार और लोगों का आना-जाना प्रभावित न हो। भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा संबंधी एडवाइजरी भी जारी की है।
