EXCLUSIVE NEWS: तिरिया जंगल बरसों से पूजी जा रहीं तीन महाशक्तियां

इमली- टोरा बेचकर ग्रामीणों ने बनाया है आकर्षक गौरी मंदिर

हेमंत कश्यप

जगदलपुर। ये आदिवासियों की दुनिया है। ये सबसे अलग दुनिया है। यही सनातन की असली दुनिया है। यहां देवी-देवताओं के साथ-साथ पेड़, नदी और पहाड़ों की भी पूजा होती है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के सरहदी गांव तिरिया में गणेशबहार नाला के पास वर्षों पुराना गौरी मंदिर है। जिसमें तीन महा शक्तियां लक्ष्मी, काली और सरस्वती विराजित हैं। लोक मान्यता है कि भगवान शंकर ने भस्मासूर को वरदान देने के बाद उसकी नियत को भांपते हुए माता पार्वती को रूप बदल कर यहां ठहरने कहा था। यह मंदिर तिरियावासियों की मातागुड़ी है। जिसे ग्रामीणों ने इमली- टोरा बेच कर जन सहयोग से पक्का बनाया है। यहां के लिए राष्ट्रपति पुरस्कृत शिल्पी ने मूर्तियां गढ़ी हैं।

गौरी की विश्राम स्थली

तिरिया के पटेल चैतुराम (85) बताते हैं कि गौरी मंदिर के संदर्भ में वर्षों पुरानी लोक मान्यता है कि भस्मासूर वरदान प्राप्त करने के बाद महादेव के सिर पर हाथ रख वरदान की सत्यता परखना चाहता था। भोलेनाथ ध्यानवस्था में ही भस्मासूर की मन:स्थिति समझ गए। उन्होने माता पार्वती से कहा कि जन कल्याण हेतु लीला करने जा रहे हैं, इसलिए रूप बदल कर यहां रहें। योगमाया से अपना रुप बदल कर माता यहां निवास करने लगीं। कालांतर में यहां तीन शाखाओं वाला साल वृक्ष हुआ। यह वृक्ष अचानक सूख गया और शाखाओं के शीर्ष में देवी आकृतियां नजर आने लगीं यह देख ग्रामीण पूजा अर्चना करने लगे। यह क्रम वर्ष 1991 तक चला।

कहां है गौरी मंदिर

जिला मुख्यालय से 29 किमी दूर तिरिया गांव में खोलाब नदी और गणेशबहार नाला का संगम है। इस नाला के पास ही आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 32 एवं 33 में तिरिया बस्ती और वर्षों पुराना गौरी मंदिर है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 31 पर स्थित धनपूंजी से 21 किमी दूर गणेशबहार नाला से पहले दाहिनी तरफ आधा किमी दूर घने जंगल में गौरी मंदिर है। यहां कुरंदी से कालागुड़ा होकर भी पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक पक्की सड़क है।

भस्मासुर की तपस्थली

गौरी मंदिर की उत्तर दिशा में  लगभग पांच किमी दूर सिंह देवड़ी गुफा है। जिसे ग्रामीण शिवभक्त भस्मासूर की तपोस्थली तथा मंदिर से दस किमी दूर दक्षिण की गुमलवाडा गडार (गुफा) को भस्मासूर के आराध्य महादेव का देवालय मानते हैं। लोक मान्यता है कि वहीं पर भस्मासूर ने भोलेनाथ से वरदान प्राप्त किया था।

यहीं हैं वो तीन देवियां, जिनकी नवरात्र में विशेष पूजा करते हैं बस्तर के आदिवासी

बिशा मंत्र आधारित गुड़ी

तिरिया के गौरी मंदिर को पक्का और आकर्षक बनाने में महत्त्वपूर्ण सहयोग करने वाले सेवानिवृत्त रेंजर शरदचन्द्र दास (89) बताते हैं कि गौरी मंदिर वस्तुत: तिरियावासियों की मातागुडी है। कच्ची गुड़ी में पेड़ की तीन शाखाओं के शीर्ष में उकेरी गई देवी आकृतियों की ग्रामीण उपासना करते थे। जब काष्ठ आकृतियां खराब होने लगीं, तब ग्रामीणों ने नई गुड़ी बनाकर पाषाण प्रतिमा स्थापित करने निश्चय किया। इसके लिए ग्रामीणों ने ही हज़ारों ईट तैयार की। सीमेंट छड़ आदि खरीदने इमली – टोरा एकत्र कर बेचा। इस पुनीत कार्य में ठेकेदार बीके चावला ने भी मदद की। वर्ष 1991 में मंदिर तैयार हुआ। नई गुड़ी बनते ही गौरीगुड़ी की काष्ठ प्रतिमाओं को ससम्मान समाधि दी गई। बिशा मंत्र के आधार पर बनाए गए त्रिभुजाकार गौरी मंदिर में अन्नद्वार, कल्याणद्वार और ज्ञानद्वार हैं।

राष्ट्रपति पुरस्कृत झितरू ने गढ़ी मूर्तियां

गौरी मंदिर मे तीन गर्भगृह तीन द्वार हैं। इनमें क्रमश: महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती विराजित हैं। मंदिर के विभिन्न आलों में गणेश कार्तिकेय आदि की मूर्तियां हैं। इसके अलावा परिसर में सात डांड़देव ग्राम रक्षक देव की मूर्तियां, देवझूला, देव स्तंभ स्थापित है। मूर्तियों का निर्माण राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिल्पी स्व. झितरुराम विश्वकर्मा एकटागुड़ा ने किया था।

गौरी मंदिर में प्रयुक्त मंत्रः ॐ भूर्भुव: स्व: श्री महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती स्वरूपा। गिरिजाये विदमहे शिवप्रियाये धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात।

Religion

जानकी नवमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और महत्व

सीता नवमी 2024 कब है पूजा मुहुर्त और क्या है इसकी कथा, जानने के लिए क्लिक करें राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है। इसे सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन को माता सीता […]

Read More
Religion

यदि नौकरी, व्यवसाय में आ रही है बाधा तो पहने यह माला, व्यवधान हो जाएगा खत्म

यदि नौकरी, व्यवसाय में आ रही है बाधा तो पहने यह माला, व्यवधान हो जाएगा खत्म शरीर में आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ाने के लिए आप भी धारण कर सकते हैं गुलाबी हकीक माला गुलाबी हकीक माला पहनने के चमत्कारी लाभ ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा -9415087711 सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गुलाबी हकीक माला […]

Read More
Religion

महिलाओं को ये तीन ग्रह करते हैं सबसे ज्यादा प्रभावित

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद मान्यता अनुसार हस्तरेखा के प्रेडिक्शन के दौरान महिलाओं का उल्टा हाथ देखा जाता है उसी तरह कुंडली देखने का तरीका भी भिन्न होता है क्योंकि महिलाओं की कुंडली में अनेक भिन्नता होती है। महिलाओं की कुंडली में नौवां स्थान या भाव से पिता और सातवां स्थान या भाव से पति […]

Read More