वैवाहिक जीवन, वैभव और रोमांस का दाता है शुक्र ग्रह

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। सुगंध लगानी चाहिए। कपूर घर या दफ्तर में रखना चाहिए। शुक्र ग्रह को धन, वैभव, ऐशो आराम का दाता कहा गया है। शुक्र गृह लाता है वैवाहिक जीवन में सफलता। श्रीसूक्त कनकधारा का पाठ करें कन्याओं को खीर खिलाए सुगंधित वातावरण अपने आस पास रखें।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र एक शुभ एवं रजोगुणी ग्रह है। यह वैवाहिक जीवन, प्यार, रोमांस, जीवन साथी तथा यौन सम्बन्धों का नैसर्गिक कारक है। यह सौंदर्य जीवन का सुख वाहन सुगंध और सौन्दर्य प्रसाधन का कारक भी है। आकर्षक व्यक्तित्व का दाता भी शुक्र ग्रह को माना जाता है। किसी भी स्त्री की कुंडली में जैसे बृहस्पति ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैसे ही शुक्र भी दाम्पत्य जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है। कुंडली  में अच्छा शुक्र चेहरा देखने से ही प्रतीत हो जाता है। यह स्त्री के चेहरे को आकर्षण का केंद्र बनाता है। यहाँ यह जरुरी नहीं की स्त्री का रंग गोरा है या सांवला सुन्दर नेत्र और सुंदर केशों से इसको पहचाना जा सकता है। स्त्री का शुक्र शुभ ग्रहों के सानिध्य में है। तब वह सौंदर्य प्रिय भी होती है। शुक्र प्यार रोमांस के साथ भौतिक सुखों का भी दाता है।

लग्जरी जीवन का दाता भी शुक्र होता है,

अच्छे शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति को हर सुख सुविधा प्राप्त होती है। वाहन घर ज्वेलरी वस्त्र सभी उच्च कोटि के सुख साधन का दाता शुक्र ही होता है। किसी भी वर्ग का व्यक्ति हो उच्च मध्यम या निम्न उसे अच्छा शुक्र सभी वैभव प्रदान करता ही है। यहाँ यह कहना भी जरुरी है। अगर आय के साधन सीमित भी हों तो भी वह व्यक्ति ऐशो आराम से ही अपना जीवन व्यतीत करता है। सुख सुविधा में किसी भी प्रकार की कमी नही आती है।

शुभ ग्रहों का साथ हो तो शुक्र वाक्पटु बनाता है,

अगर कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत है। शुभ ग्रहों के साथ बैठा हो तब अच्छा शुक्र किसी भी व्यक्ति को गायन अभिनय काव्य लेखन की और प्रेरित करता है। चन्द्र के साथ शुक्र हो तो व्यक्ति भावुक होता है। अगर बुध का साथ भी मिल जाये तो व्यक्ति लेखन के क्षेत्र में पारंगत होता है। साथ ही वाक्पटुता भी उच्च श्रेणी की होती है। बातों में उससे शायद ही कोई जीत पाता हो। कहने का मतलब ऐसा व्यक्ति ज्ञानी ओर अच्छा व्यक्ता भी होता है। समाज मे सम्मान का पात्र होता है। कुंडली में मजबूत स्थिति में अच्छा शुक्र स्त्री में मोटापा भी देता है। जहाँ बृहस्पति स्त्री को मोटापा देकर अनाकर्षक बनता है। वही शुक्र से आने वाला मोटापा स्त्री को और भी सुन्दर दिखाता है। मतलब आकर्षण में किसी भी प्रकार की कमी नही होती है।

पापी ग्रहों के साथ बैठा शुक्र तलाक करवा सकता है,

कुंडली का बुरा शुक्र या पापी ग्रहों का सांनिध्य या कुंडली के दूषित भावों का साथ स्त्री में चारित्रिक दोष भी उत्पन्न करवा सकता है। विलम्ब से विवाह कष्ट प्रद दाम्पत्य जीवन बहु विवाह तलाक की और भी इशारा करता है। अगर ऐसा हो तो स्त्री को हीरा पहनने से परहेज़ करना चाहिए। कमज़ोर शुक्र स्त्री में मधुमेह थाइराईड यौन रोग अवसाद और वैभव हीनता लाता है।

इस तरह कमजोर शुक्र को मजबूत करें

शुक्र को अनुकूल करने के लिए शुक्रवार का व्रत और माँ लक्ष्मी  की आराधना करनी चाहिए। चावल दही कपूर सफ़ेद वस्त्र सफ़ेद पुष्प का दान देना अनुकूल माना जाता है। छोटी कन्याओं को चावल की बनी इलाइची डाल कर खीर भी खिलानी चाहिए। इससे शुक्र का बुरा प्रभाव खत्म होता है। कनक धारा श्री सूक्त लक्ष्मी स्त्रोत लक्ष्मी चालीसा का पाठ और लक्ष्मी मन्त्रों का जाप भी शुक्र को बलवान करता है। माँ लक्ष्मी को गुलाब का इत्र अर्पण करना विशेष फलदायी होता है।

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