महाशिवरात्रि से पहले कहां मनाते हैं शिव नवरात्रि, क्यों खास है ये पर्व?

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा

महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख त्योहार है। ये उत्सव हर शिव मंदिर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन महाशिवरात्रि से पहले एक मंदिर में शिव नवरात्रि का अनोखा उत्सव भी मनाया जाता है।

महाकाल मंदिर में मनाते हैं शिव नवरात्रि

उज्जैन का महाकाल मंदिर बहुत ही खास है क्योंकि ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरे स्थान पर आता है। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन इसके पहले यहां शिव नवरात्रि उत्सव मनाने की परंपरा है। ये उत्सव पूरे नौ दिनों तक चलता है, इसलिए इसे शिव नवरात्रि कहा जाता है। ये पर्व एकमात्र महाकालेश्वर मंदिर में भी मनाया जाता है।

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इस बार कब है शिव नवरात्रि, क्यों खास है ये त्योहार

महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व शिवजी के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके पहले शिव नवरात्रि पर्व मनाते हैं, जिसमें शिवजी को दूल्हे के रूप में पूजा जाता है। इन नौ दिनों में रोज महाकाल का अलग आकर्षक श्रृंगार में दिखाई देते हैं। वैसे तो शिवजी की पूजा में हल्दी-मेहंदी नहीं चढ़ाई जाती, लेकिन शिव नवरात्रि के दौरान ये चीजें भी महाकाल को अर्पित की जाती हैं क्योंकि इनके बिना दूल्हे का श्रृंगार पूरा नहीं होता।

इस बार कब मनाई जाएगी शिव नवरात्रि?

महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव की शुरूआत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से होती है और इसका समापन त्रयोदशी को होता है। इस बार शिव नवरात्रि पर्व 29 फरवरी से शुरू , जो आठ मार्च तक मनाया जाएगा। शिव नवरात्रि के दौरान महाकाल की पूजा-आरती के समय में भी आंशिक परिवर्तन होगा। भोग आरती दोपहर एक बजे और संध्या पूजा दोपहर तीन बजे होगी।

शिव नवरात्रि में किस दिन, कौन-सा श्रृंगार?

  • शिव नवरात्रि के पहले भगवान महाकाल का चंदन से श्रृंगार होगा। इस दौरान भगवान को दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। मुंडमाला, छत्र और मुकुट आदि आभूषण भी चढ़ाएं जाएंगे।
  • शिव नवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल का शेषनाग श्रृंगार किया जाएगा।
  • शिव नवरात्रिके तीसरे दिन महाकाल का घटाटोप शृंगार होगा।
  • चौथे दिन महाकाल को छबीना रूप में सजाया जाएगा।
  • पांचवे दिन होलकर रूप में भगवान महाकाल का शृंगार होगा।
  • शिव नवरात्रि के छठे दिन भगवान महाकाल मनमहेश रूप में नजर आएंगे।
  • सातवे दिन उमा महेश के रूप में भगवान महाकाल का शृंगार किया जाएगा।
  • शिव नवरात्रि के आठवें दिन महाकाल का शिवतांडव शृंगार होगा।
  • नौवें दिन भगवान महाकाल सप्तधान शृंगार में दिखाई देंगे।

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