रेलवे के दस साल बेमिसाल

डॉ दिलीप कुमार

नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां बेमिसाल है। इसमें रेलवे भी शामिल है। जबकि मोदी सरकार को विरासत में बदहाल व्यवस्था मिली थी। रेलवे में बिना किसी विजन के खानापूर्ति की जा रही थी। भारतीय रेलवे को विश्व स्तरीय बनाने की कोई कल्पना ही नहीं थी। रेलवे के सुरक्षा सिस्टम पर बड़ी धनराशि खर्च करने की आवश्यकता थी। लेकिन यूपीए सरकार ने केवल चुनावी लाभ पर ही ध्यान दिया। जबकि मोदी सरकार ने व्यवस्था में सुधार और बदलाव किए। आज विश्व स्तरीय रेलवे-स्टेशन की भी शुरुआत हो चुकी है। लखनऊ का गोमती नगर स्टेशन विश्व स्तरीय बन गया है। नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस स्टेशन का लोकार्पण किया। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पांच सौ पैंतालीस रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और पंद्रह सौ रोड ओवर ब्रिज रोड अंडर ब्रिज की आधारशिला रखी। रेलवे से जुड़ी दो हजार से अधिक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी तो इस सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून से होने वाली है। लेकिन अभी से भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के काम में तेजी दिखाई देने लगी है। दशकों तक रेलवे को हमारे यहां की स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों की यात्रा में आसानी कर रही है।

जिस रेलवे के हमेशा घाटे में रहने का रोना रोया जाता था, आज वह रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। आज करीब पैंतालीस हजार करोड़ की रेलवे परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। आने वाले पांच वर्षों में हजारों स्टेशनों के आधुनिक होने पर भारतीय रेल की क्षमता बढ़ेगी और निवेश की एक बहुत बड़ी क्रांति आएगी। अब भारत अभूतपूर्व स्तर पर अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है। छोटी-छोटी आकांक्षाओं से अलग होकर आज का भारत बड़े सपने देखने और उन सपनों को जल्द से जल्द साकार करने की ओर बढ़ चुका है। बजटीय आवंटन अधिक होने पर भी लीकेज से विकास बाधित होता है। यूपीए के मुकाबले नई रेलवे लाइनें बिछाने की गति दोगुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया विजन में विकास और लोक कल्याण का समावेश है। भारत को विकसित बनाने का संकल्प है। संकल्प को सिद्ध करने की इच्छाशक्ति है। उनकी दस वर्ष की यह यात्रा यही प्रमाणित करती है। दूसरी तरफ विपक्ष के गठबंधन ने शब्दों के जुगाड़ से अपने लिए इंडिया नाम गढ़ लिया है। लेकिन उनकी कल्पना के इस इंडिया में विकास की कोई बात नहीं होती। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। इसकी कार्ययोजना पर कार्य प्रगति पर है। इस नये भारत का रेलवे भी नया है, क्योंकि रेलवे में विकास की दृष्टि से भी दस साल बेमिसाल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी कि भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसमें रेलवे का विकास का शामिल है। गति वर्ष भारतीय रेलवे के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा था। अमृत भारत रेलवे स्टेशन अभियान के अंतर्गत तेरह स्टेशन विकसित करने की योजना शुरू की गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना पहले चरण का गति वर्ष शुभारंभ किया था। पहले चरण मे पांच सौ आठ अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ। इन अमृत भारत स्टेशन के नवनिर्माण पर करीब पच्चीस हजार करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित थी। यह नया भारत है। सभी अमृत स्टेशन ग्रीन बिल्डिंग्स के मानकों को पूरा करेंगे। अगले करीब छह वर्षों में भारत की रेलवे नेट जीरो एमिशन पर चलेगी। इसके साथ विपक्ष का इंडिया विकास को मुद्दा क्यों नहीं बनाना चाहता, यह भी स्पष्ट हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने दस वर्षों के दौरान रेलवे से सम्बन्धित कार्यों का उल्लेख किया। इतने मात्र से यूपीए सरकार बहुत पीछे छूट गई। नौ वर्षों के दौरान रेलवे में रिकॉर्ड धनराशि का निवेश किया गया। चालू वर्ष के लिए रेलवे को ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट दिया गया है।

ये बजट दस वर्ष पहले की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। रेलवे का समग्र विकास किया जा रहा है। लोकोमोटिव्स उत्पादन में भी दस वर्ष के दौरान नौ गुना की वृद्धि हुई है। आज देश में पहले की अपेक्षा तेरह गुना ज्यादा कोच बन रहे हैं। दस वर्ष में सोलर पैनल से बिजली बनाने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या भी बारह सौ से ज्यादा हो गई है। सभी स्टेशन ग्रीन एनर्जी बनाएंगे। ट्रेनों के करीब सत्तर हजार कोच में एलईडी लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। ट्रेनों में बायो टॉइलेट की संख्या नौ वर्ष पहले के मुकाबले अब अट्ठाइस गुना ज्यादा हो गई है। सबसे विकास में पिछली सरकारों की विफलता का अनुमान लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि पूर्ववर्तियों के भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के चलते विकास और लोक कल्याण के कार्य उपेक्षित हुए। ऐसी सरकारें दायित्व का निर्वाह नहीं कर सकतीं। आज यही लोग नये भारत की विकास यात्रा में बाधा पैदा कर रहे हैं। विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है।

देश ने आज की और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक इमारत बनवाई। इस धड़े ने इसका भी विरोध किया। कर्तव्यपथ का विकास किया तो उसका भी विरोध किया गया। इन लोगों ने सत्तर साल तक वीर शहीदों के लिए वार मेमोरियल तक नहीं बनाया। हमने नेशनल वार मेमोरियल बनवाया, आलोचना करते वक्त इनको शर्म तक नहीं आई। सरदार वल्ल्भ भाई पटेल स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आज दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है। कुछ राजनीतिक दल चुनाव के समय तो सरदार साहब को याद कर लेते हैं। लेकिन, आज तक इनका एक भी बड़ा नेता इस भव्य प्रतिमा के दर्शन करने नहीं गया। यह सच है कि साउथ अफ्रीका, यूक्रेन,पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में इन नौ वर्षों में बिछाया गया है।

साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा ट्रैक भारत ने अकेले पिछले एक साल में बनाया है। भारत में आधुनिक ट्रेनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिए बेहतर सीटें लग रही हैं। अच्छे वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं। हजारों रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा है। सरकार ने स्टेशनों को शहर और राज्यों की पहचान से जोड़ने के लिए वन स्टेशन,वन प्रॉडक्ट योजना भी शुरू की है। इससे पूरे इलाके के लोगों, कामगारों और कारीगरों को लाभ होगा। जिले की ब्रांडिंग भी अमृत रेलवे स्टेशन विरासत के प्रति गर्व की अनुभूति कराने वाले होंगे। इन स्टेशनों में देश की संस्कृति और स्थानीय विरासत की झलक दिखेगी। देश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और तीर्थ स्थानों को जोड़ने के लिए इन दिनों देश में भारत गौरव यात्रा ट्रेन और भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन भी चल रही है। रेलवे का कायाकल्प हो रहा है।

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