शादी में क्यों लिए जाते हैं सात फेरे? क्या है विवाह का अर्थ

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

सनातन धर्म में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। शादी सिर्फ दो लोगों का ही नहीं बल्कि सात जन्मों का बंधन भी है। शादी से इंसान को उसकी जिम्मेदारियों का अहसास होता है।  हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का विशेष महत्व माना जाता है। इन 16 संस्कारों में से एक विवाह संस्कार भी है। मान्यताओं के अनुसार शादी एक पवित्र बंधन है, जो न सिर्फ दो लोगों का मिलन होता है, बल्कि ये जिम्मेदारी निभाना भी सिखाता है। हिंदू धर्म के विवाह संस्कारों में सात की संख्या का विशेष महत्व होता है। जैसे सात फेरे, सात शब्द, सात जन्म, इन सभी का हिंदू धर्म में विवाह से गहरा संबंध माना जाता है।

विवाह का अर्थ : विवाह को शादी या मैरिज कहना गलत है। विवाह का कोई समानार्थी शब्द नहीं है। विवाह= वि+वाह, अत: इसका शाब्दिक अर्थ है- विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना।

सात की संख्या का महत्व

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार पृथ्वी पर पाई जाने वाली सभी महत्वपूर्ण वस्तुओं की संख्या सात मानी जाती है। जैसे सात सुर, इंद्रधनुष के सात रंग, सात तारे, सात महासागर, सात ऋषि, सात दिन, सात चक्र, मनुष्य की सात क्रियाएं आदि। इसी कारण से वैदिक और पौराणिक मान्यताओं में सात अंक को शुभ माना गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए विवाह के दौरान सात फेरे लेने की मान्यता है।

विवाह में क्यों लेते हैं सात फेरे?

हिंदू धर्म में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। विवाह में वर-वधू के साथ फेरे लेने की प्रक्रिया को सप्तपदी कहते हैं। सात फेरे लेते समय वर-वधू साक्षी मानकर अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं। साथ ही शरीर, मन और आत्मा के ऊपर सात फेरे जन्म तक लेते हैं, और दुल्हन पति-पत्नी के रिश्ते को निभाने का वचन देती है। ये सात फेरे को हिन्दू विवाह की स्थिरता का प्रमुख स्तंभ माना जाता है।

शादी के सात वचन

सनातन धर्म में विवाह के दौरान सात वचन लिए जाते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक फेरा एक ही होता है, जिसके माध्यम से वर-वधु जीवन भर साथ रहने का संकल्प लेते हैं। हिंदू प्रथाओं में इन सात फेरों और वचनों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दो  लोग हैं जो एक दूसरे का सम्मान करते हैं और आध्यात्मिक रूप से एक हैं। इसे विवाह का पवित्र बंधन कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार मनुष्य सात जन्मों तक इन सात फेरे से गुजरता है, इस कारण वर-वधू को सात जन्मों का साथी भी कहा गया है।

Religion

जानकी नवमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और महत्व

सीता नवमी 2024 कब है पूजा मुहुर्त और क्या है इसकी कथा, जानने के लिए क्लिक करें राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है। इसे सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन को माता सीता […]

Read More
Religion

यदि नौकरी, व्यवसाय में आ रही है बाधा तो पहने यह माला, व्यवधान हो जाएगा खत्म

यदि नौकरी, व्यवसाय में आ रही है बाधा तो पहने यह माला, व्यवधान हो जाएगा खत्म शरीर में आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ाने के लिए आप भी धारण कर सकते हैं गुलाबी हकीक माला गुलाबी हकीक माला पहनने के चमत्कारी लाभ ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा -9415087711 सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गुलाबी हकीक माला […]

Read More
Religion

महिलाओं को ये तीन ग्रह करते हैं सबसे ज्यादा प्रभावित

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद मान्यता अनुसार हस्तरेखा के प्रेडिक्शन के दौरान महिलाओं का उल्टा हाथ देखा जाता है उसी तरह कुंडली देखने का तरीका भी भिन्न होता है क्योंकि महिलाओं की कुंडली में अनेक भिन्नता होती है। महिलाओं की कुंडली में नौवां स्थान या भाव से पिता और सातवां स्थान या भाव से पति […]

Read More