उद्योगीकरण का अध्याय

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उद्योगीकरण का अभियान निरन्तर प्रगति पर है। इसके दृष्टिगत चौथी ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी ऐतिहासिक होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें नया आयाम जोड़ा है। निवेश से होने वाले लाभों से प्रदेश के युवाओं को सीधे जोड़ा जाएगा। ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी केवल उद्योग जगत के लिए नहीं है। इससे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। दूसरा आयाम यह है कि इसमें प्रदेश के सभी जनपद लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। पूर्वी और बुन्देलखण्ड का बहुत कम विकास हुआ था। पिछली सरकारों ने यहां पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुन्देलखण्ड में उद्योग नहीं लग पाए। परिणामस्वरूप यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। योगी सरकार ने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के सभी जनपदों के लिए निवेश मिला है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक ही सीमित नही है, बल्कि हर एक जनपद इससे लाभान्वित हो रहा है। ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी पचहत्तर जनपदों को मिलेगा। आगामी उन्नीस फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जनपदों को जोड़ा जा रहा है। दस लाख करोड़ रुपये से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी से पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जीबीसी के विविध आयामों से युवाओं का परिचय करायेगा।

समिट के माध्यम से लगभग चालीस

लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए। अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी एवं सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे प्रयास केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, अपितु इसके केंद्र में हमारा युवा वर्ग है। इसका सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को ही होगा। उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को होगा। हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी सृजित कर रहे हैं।

तमिलनाडु से साठ हजार श्रमिक प्रदेश वापस लौटे। यह सभी टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य कर रहे थे। निश्चित रूप से इन्हें उत्तर प्रदेश में अपने सुखमय और सुरक्षित भविष्य की सम्भावना दिखी होगी, तभी इन्होंने यहां लौटने का निर्णय लिया। यहां यह भी समझना होगा कि यह श्रमिक केवल फैक्ट्री में काम ही नहीं करते हैं, बल्कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी अपना योगदान करते हैं। इसी तरह, कोरोनाकाल में प्रदेश लौटे प्रवासी जनों की हमने स्किल मैपिंग की और यहीं रोजगार मुहैया कराया।

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