बंदी त्रस्त, व्यवस्था ध्वस्त, जेल अधिकारी मस्त

  • लखनऊ जेल में अधिक कमाई का रिकार्ड बना रहे अफसर
  • जेल अफसर सुरक्षा के बजाए कर रहे राशन में जमकर कटौती

राकेश  यादव

लखनऊ। राजधानी की जिला जेल में अधिकारियों ने मानवता को शर्मशार कर दिया है। अफसरों की कमाई ने गरीब बंदियों को खेत बेंचकर जेल काटने को मजबूर कर दिया है। बाहर से मंगाकर खानपान की वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने के लिए भोजन इतना घटिया परोसा जा रहा है कि उसको जानवर भी नही खा पाए। आलम यह है कि इस जेल में सैकड़ो बंदी पानी वाली दाल व सुखी रोटी खाकर जेल काट रहे है। हकीकत यह है कि जेल में खासतौर पर गरीब बंदियों का जीना मुहाल हो गया है।

जानकारी के मुताबिक जेल प्रशासन के अधिकारी गल्ला गोदाम प्रभारी डिप्टी जेलर से सुरक्षा के बजाए राशन की कटौती करवाने में जुटे है। वर्तमान समय मे इस जेल में करीब चार हजार से अधिक बंदी निरुद्ध है। सूत्रों का कहना है कि जेल अधिकारी कैंटीन की बिक्री बढ़ाने के लिए बंदियों के राशन में पचास से साठ फीसद कटौती कर प्रतिमाह लाखों रुपये का वारा न्यारा कर रहे है। यही काम यह अधिकारी सरसों का तेल, रिफाइंड व घी की खरीद में भी किया जा रहा है। जेल अधीक्षक की रजामंदी से हो रही राशन कटौती, मशक्कत, कैंटीन, पीसीओ व एमएसके की खरीद फरोख्त मद से जेल में प्रतिमाह लाखों रुपये की कमाई कर जेब भरने में जुटे हुए है। इस कमाई की वजह से जेल प्रशासन के अधिकारियों को घटिया किस्म का भोजन परोस रहे है। जेल प्रशासन के अधिकारियों की इस कमाई की वजह से कई बंदियों को कैंटीन का भोजन प्राप्त करने के लिए अपने खेत तक बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि करीब चार साल पहले जेल मुख्यालय में तैनात सेवानिवृत अधिकारी से साठ गांठ करके कानपुर जेल में तैनात अधीक्षक आशीष तिवारी ने अपने आप को वरिष्ठ अधीक्षक के पद वाली जेल पर तैनात करा लिया था। जेल नियमो के अनुसार वरिष्ठ अधीक्षक को हटाकर अधीक्षक को तैनात किया जाना ही नियम विरुद्ध था। मुख्यालय से रिटायर हुए हुए अधिकारी से सेटिंग-गेटिंग से हुए इस तबादले पर आला अफसरों ने चुप्पी साध रखी है। सूत्रों की माने तो जेल में बंदियों के परिजनों की मुलाकात जेल के अंदर नहीं कराने के बहाने जेल में अधिकारियों ने लूट मचा रखी है। जेल कैंटीन और जेल में खुलेआम सब्जी, स्लाद (खीरा, मूली, गाजर, टमाटर, प्याज इत्यादि )वस्तुओं को तीन से चार गुना अधिक दाम पर बिकवाकर बंदियों को जमकर शोषण किया जा रहा है।

प्रमोशन के बाद नहीं होते तबादले

प्रदेश के कारागार विभाग में प्रमोशन के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला ही नहीं किया जाता है। करीब तीन साल पहले लखनऊ में अधीक्षक से वरिष्ठ अधीक्षक पद पर प्रोन्नत हुए साढ़े तीन साल हो गए पर आज तक इनका तबादला नहीं किया गया। इसी प्रकार आगरा डीआईजी परिक्षेत्र में बीते 20 साल से तैनात वरिष्ठ सहायक रंजना कमलेश और बरेली परिक्षेत्र में करीब 18 साल से तैनात स्नेहा शर्मा को तीन+तीन प्रमोशन के बाद स्थानांतरित नहीं किया गया है। यह तो बानगी भर इसी प्रकार दर्जनों की संख्या में प्रमोशन के बाद कई अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला नहीं किया गया। ऐसा तब है जब स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट रूप में लिखा जाता है कि प्रमोशन पाए कर्मियों को जल्दी ही इनको अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। उधर डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह को कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Raj Dharm UP

चार जून की प्रतीक्षा, माफिया की उसके बाद नहीं होगी रक्षा

सीएम योगी का बड़ा ऐलान, कहा- चार जून के बाद माफिया मुक्त राज्य घोषित होगा उत्तर प्रदेश अब मटियामेट करने की कसम खा ली है यूपी के सीएम ने, जो कहते हैं वो कर दिखाते हैं योगी ए. अहमद सौदागर लखनऊ। योगी आदित्यनाथ पर विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते रहे कि उन्होंने अपने सजातीय अपराधियों […]

Read More
Raj Dharm UP

बड़ी घटना से पसरी सनसनी: पिता ने मां पत्नी सहित पांच लोगों को उतारा मौत के घाट

घटना को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मारकर दी जान सीतापुर जिले के मथुरा थाना क्षेत्र के पाल्हापुर गांव में हुई यह घटना ए. अहमद सौदागर लखनऊ। सूबे में अपनों के हाथों अपनों का खून करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। राजधानी लखनऊ, देवरिया और बाराबंकी जिले में हुई कई घटनाओं को […]

Read More
Raj Dharm UP

दावे फेल जारी है हैवानियत: तमाम कोशिशों के बावजूद थम नहीं रहीं दुष्कर्म की घटनाएं

हिफाजत बनी चुनौती: राजधानी लखनऊ नाबालिग को बंधक बनाकर गैंगरेप पीड़ित परिवार की तहरीर पर नामजद रिपोर्ट दर्ज ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में महिलाओं व लड़कियों की हिफाजत चुनौती बनती जा रही है। बीते दिनों हुई कई घटनाओं के मामले शांत भी नहीं पड़े कि राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची […]

Read More