श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही बढ़ती चुनौती से पार पाने को तैयार है जल पुलिस

  • सरयू में आस्था की डुबकी को और सुरक्षित बना रही योगी सरकार
  • कई उपकरणों से लैस है जल पुलिस, कई नए उपकरण भी जल्द ही आएंगे
  • 22 जनवरी को होने वाले लोकार्पण समारोह में घाट पर होने वाले मूवमेंट को लेकर जल पुलिस ने की है तैयारी

लखनऊ।  जनवरी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अयोध्या के प्रति श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ा है। आस्था के केंद्र रामलला को भव्य गर्भगृह में विराजमान देखने की लालसा लिए असंख्य श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या की तरफ खिंचे चले आ रहे हैं। पवित्र सरयू में स्नान, तर्पण, आचमन समेत विभिन्न अनुष्ठानों की पूर्ति तथा घाटों के सौंदर्यीकरण का साक्षी बनने की चाह लिए देश भर से श्रद्धालुओं का तांता सरयू के समस्त घाटों की ओर भी बढ़ रहा है। ऐसे में, श्रद्धालुओं की भीड़ का उचित प्रबंधन, मार्गदर्शन तथा किसी अप्रिय परिस्थिति में तत्काल समाधान उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने अयोध्या में जल पुलिस की तैनाती की गई है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी, प्रयागराज, मीरजापुर के बाद अयोध्या वह चौथा शहर है, जहां के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जल पुलिस की तैनाती की गई है।

विस्तृत योजना के जरिए ट्रैकिंग प्रकिया को दिया जा रहा अंजाम

30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन और कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात सौंपने के बाद अयोध्या के प्रति श्रद्धालुओं के आकर्षण में और वृद्धि होगी। वहीं 22 जनवरी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए देश-दुनिया से आने वाले वीवीआईपी के घाटों पर होने वाले मूवमेंट को लेकर भी जल पुलिस ने विविधत तैयारियां कर रखी हैं। फिर बात चाहे नया घाट के सौंदर्यीकरण की हो, गुप्तार घाट पर वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की हो या फिर जमथरा घाट समेत समस्त घाटों पर किसी अप्रिय स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जरूरत हो, जल पुलिस इन सभी विषयों को लेकर न केवल तैयार है, बल्कि विस्तृत कार्ययोजना के तहत कार्यप्रणाली को विस्तारित करने की दिशा में प्रयासरत है।

यह सुविधा कराई गई है मुहैया

एक हेड कॉन्स्टेबल व 19 कॉन्स्टेबल ड्यूटी पर हैं। सुरक्षा उपकरण 4 बोट, चार इंजन (50 एचपी), 10 थ्रो बाल, 10 लाइफ ब्वाय रिंग, 15 लाइफ जैकेट, 10 रेस्क्यू ट्यूब व 2 ड्रैगन लाइट की व्यवस्था है। इसके साथ ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की दो प्लाटून है, जिसमें 35 लोग तैनात हैं। वहीं 20 जनवरी तक अन्य सुविधाएं बढ़ाई जानी संभावित हैं। इसमें छह बोट, लाइफ जैकेट व अन्य जरूरी उपकरण बढ़ने की संभावना है। नयाघाट से गुप्तारघाट तक यह जवान मुस्तैद रहते हैं।

कई अप्रिय घटनाओं को रोकने में जल पुलिस रही है सक्रिय

2019 में अयोध्या में जल पुलिस की तैनाती की गई। चार वर्षों में 400 से अधिक लोगों को जल पुलिस बचा चुकी है। दुर्घटनावश नदी के गहरे पानी में उतर जाने वाले लोग, बाढ़ग्रस्त इलाकों में संकट में फंसे लोगों के लिए भी जल पुलिस उम्मीद की किरण की तरह कार्य करती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण इनकी चुनौती और बढ़ेगी। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है, इस पर कार्य भी जारी है।

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