सरकारी नियुक्तियों में साक्षात्कार को खत्म करने की माँग

ओबीसी PM की सरकार में न हुई जनगणना और न मिला लाभ:  रामनिषाद

मण्डल विरोधी भाजपा से सामाजिक न्याय की अपेक्षा करना बेवकूफी


लखनऊ। अपने को पिछड़ी जाति और नीच जाति का बताकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ों के साथ इमोशनल ब्लैकमेलिंग किया। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का राजनीतिक लाभ के लिए खूब प्रचार किया गया, लेकिन य़ह सफेद हाथी ही साबित हुआ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने कहा कि अपने ओबीसी बताने वाले PM मोदी ने पिछड़ों वंचितों की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि मण्डल कमीशन विरोधी भाजपा से पिछड़ों वंचितों के न्याय की अपेक्षा करना ही बेवकूफी है। जिस तरह जंगली कुत्ते से मेमना की और बिल्ली से दूध की रखवाली असम्भव है, उसी तरह ओबीसी आरक्षण विरोधी भाजपा से सामाजिक न्याय और आरक्षण का संरक्षण असम्भव है। भाजपा मुस्लिमों से डराकर ओबीसी का वोट लेकर सत्ता प्राप्ति की और सत्ता का प्रयोग कर ओबीसी PM ने ओबीसी के खिलाफ अनेकों काम किया। पिछले 9 साल में ओबीसी के विरुद्ध भाजपा सरकार पिछड़ों वंचितों की हकमारी ही किया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा को रुकवाने के लिए भाजपा ने न्यायालय में उलझा दिया।ओबीसी PM एवं सीएम के शासन में मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण की बाट लगा दी गई। निषाद ने बताया कि भाजपा सरकार ने ओवर लैपिंग के नियम में साज़िश के तहत बदलाव कर ओबीसी को 27% में ही सीमित किया,भले ही उसके अंक सामान्य से अधिक आए,उसे 27% में ही सीमित कर दिया गया। ओबीसी लगभग 54% है,की मेरिट/कट ऑफ जनरल से अधिक आने के बाद भी अनारक्षित में समायोजन न करना सामाजिक न्याय के प्रतिकूल है।

जबकि पूर्व व्यवस्था में ओबीसी के ऐसे प्रतियोगी, जिनके मार्क्स् जनरल के बराबर या अधिक आते थे,उनका जनरल में समायोजन किया जाता था। IAS की  पार्श्व भर्ती में ओबीसी के लिए कोई जगह सुनिश्चित नहीं की गयी है,जबकि PM ओबीसी हैं।सिविल सर्विस परीक्षा 2015 में ओबीसी के चयनित लगभग 324 IAS को इसलिए बाहर किया,क्योंकि इतने ही ओबीसी IAS ने जनरल की लिस्ट में अपनी जगह बनाई थी। ओबीसी के ऐसे IAS को 27% में घुसेडा और ओबीसी में जगह बनाए कम मेरिट वाले IAS को चयन के बाद बाहर किया। 2017 में केशव प्रसाद  मौर्या एवं उमा भारती के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया, मौर्या व उमा भारती के नाम पर ओबीसी ने सवर्णो की पार्टी को खुलकर वोट किया,सीएम  उमा भारती या मौर्या को बनाना चाहिए लेकिन बना दिया कट्टर जातिवादी पिछड़ा दलित विरोधी योगी आदित्यनाथ को। 1992 के राममन्दिर आंदोलन में 90% कारसेवक ओबीसी थे, शहीद भी ओबीसी हुए, लेकिन राममन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित 15 लोगों में एक भी ओबीसी को ट्रस्टी नहीं बनाया गया।

निषाद ने बताया कि 1992 में राममन्दिर आंदोलन के अगुआ कल्याण सिंह,जो कि ओबीसी थे,उनको राममन्दिर के शिलान्यास तक में नहीं बुलाया,ये कल्याण सिंह ही नहीं, पूरे ओबीसी समुदाय का अपमान अंधभक्त पिछड़ों को दिखाई नहीं देता है। 69 हजार शिक्षक् भर्ती में ओबीसी को मात्र 3.48% ही कोटा देकर 19000 अभ्यर्थी जिनकी मेरिट जनरल से अधिक थी, उन्हे ओबीसी के 27% में घुसेड कम मेरिट वाले जो 27% में आ रहे थे, उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया। यूपी ही नहीं पूरे भारत की सूची उठा लीजिये,ओबीसी के कितने वीसी,कितने प्रोफेसर,कितने एसोसिएट प्रोफेसर, कितने असिस्टेंट प्रोफेसर हैं? अब तो जो भर्तियां हो रही हैं, उनमे ओबीसी पद पर एनएफएस घोषित कर, जनरल (सवर्णो) को भरा जा रहा है। जब से ओबीसी PM बने हैं, ओबीसी की छात्रवृत्ति लगभग बंद हो गई।वर्तमान मे सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि PM ओबीसी है, ओबीसी अपनी जनगणना कराना चाहता है, लेकिन हमारे ओबीसी PM के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही। ये कैसे ओबीसी हैं? घुटने पेट की तरफ झुकते हैं, लेकिन ये तो सवर्णो की तरफ झुके हैं, लेकिन अंधभक्तों की आँखों पर तो मानसिक गुलामी की पट्टी बँधी है। प्रत्येक राज्य में बीजेपी ओबीसी वोट की बदौलत सत्ता प्राप्त करती है, लेकिन न तो पिछड़ी जातियों की जनगणना कराया और न समानुपातिक कोटा ही दिलाया।

Central UP

अब लखनऊ घूमने जाने पर अच्छी जगह ठहरने की चिंता खत्म

लखनऊ में छुट्टियाँ मनाने जा रहे हैं, तो अच्छी जगह ठहरने की चिंता छोड़ दीजिए लखनऊ। बीते कुछ वर्षों में नवाबों के शहर, लखनऊ में पर्यटन काफी तेजी से बढ़ा है। ऐसे में, अपने शहर से बाहर जाने पर व्यक्ति यही चाहता है कि उसे ठहरने की उत्तम व्यवस्था मिले, जहाँ उसे बेहतर आराम मिले, […]

Read More
Central UP

राजधानी की जिला जेल का हालः कमाई का रिकार्ड बना रहे लखनऊ जेल अफसर!

अमीरों को दी जा रही अतिरिक्त सुविधाएं, गरीब बंदियों का हो रहा शोषण मानवता शर्मसारः राशन में कटौती कर कैंटीन से बढ़ा रहे आमदनी राकेश यादव लखनऊ। राजधानी की जिला जेल में अधिकारियों ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। इस जेल के अफसर कमाई का रिकॉर्ड बनाने में जुटे हुए हैं। एक तरफ जेल […]

Read More
Central UP

LPS की छात्रा नशरा फातमा ने बढ़ाया मान, कहा- मेहनत की सफलता की कुंजी

ए अहमद सौदागर लखनऊ। कहते हैं कि प्रतिभा को केवल एक मौके की तलाश होती है। बस एक ब्रेक और वो अव्वल। कुछ इसी राह पर चलीं नशरा फातिमा और राजधानी के मशहूर विद्यालय लखनऊ पब्लिक स्कूल में इंटरमीडिएट की परीक्षा 90 फीसदी अंकों के साथ पास की। उनकी इस सफलता मां-बाप सहित पूरा कुनबा […]

Read More