मासिक शिवरात्रि आज  है  जानिए शुभ तिथि व पूजा मुहूर्त और पूजा विधि …

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि व्रत रखकर शिव जी की पूजा करने से मनोकामना की पूर्ति होती है। आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को है। इस दिन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं। इस बार मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा का भी साया है। मासिक शिवरात्रि पर सुबह से ही भक्त शिव मंदिर में पहुंचने लगते हैं और वे महादेव की विधि विधान से पूजा करते हैं, ताकि शंकर जी उन पर प्रसन्न हों और उनके आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी हो जाएं।

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की तिथि

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 39 मिनट से हो रहा है और यह तिथि अगले दिन 17 जून शनिवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक मान्य है। मासिक शिवरात्रि के लिए निशिता पूजा का मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 16 जून शुक्रवार को है।

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का निशिता पूजा मुहूर्त

16 जून को आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का निशिता पूजा मुहूर्त देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है। उस दिन शिव पूजा के लिए निशिता मुहूर्त 40 मिनट तक ही है। वैसे आप दिन में भी आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं।

 

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का शिव पूजा मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि को आप सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक है। इसके अलावा दोपहर में शुभ-उत्तम मुहूर्त 12 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक है। वहीं रात में लाभ-उन्नति मुहूर्त 09 बजकर 51 मिनट से रात 11 बजकर 07 मिनट तक है।

मासिक शिवरात्रि भद्रा का समय

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि वाले दिन भद्रा सुबह 08 बजकर 39 मिनट से ही शुरू हो जा रही है और इसका समापन रात 08 बजकर 52 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार इस भद्रा का वास स्वर्ग में है। स्वर्ग की भद्रा का पृथ्वी पर बुरा प्रभाव नहीं होता है। ऐसा धार्मिक मान्यता है।

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

इस दिन सुबह में व्रत रखते हैं और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, गंगाजल, दूध, शहद, अक्षत्, फल, मिठाई आदि चढ़ाते हैं. शिव मंत्रों का जाप करते हैं और व्रत कथा सुनते हैं। शिव जी की आरती से पूजा का समापन करते हैं। शिव कृपा से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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