Another new controversy : राहुल गांधी के जय सियाराम बयान पर सियासी संग्राम, भाजपा नेताओं ने उन्हें नाटक मंडली का नेता बताया

नया लुक ब्यूरो


भारत जोड़ो यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ती है नए-नए विवाद भी जन्म ले रहे हैं। अब भाजपा और कांग्रेस के बीच एक और नया विवाद सुर्खियों में है। 11 दिनों से भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में है। यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तंज कसते हुए नेताओं को जय श्री राम नहीं, बल्कि जय सियाराम कहने की नसीहत दी। राहुल के जय सियाराम वाले बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। राहुल ने बीजेपी और संघ पर जय सियाराम न बोलने मां सीता का अपमान करने का आरोप लगाया तो बीजेपी ने पलटवार कर दिया।

भाजपा के कई नेताओं ने राहुल गांधी को इस बयान पर घेरते हुए कई ट्वीट किए है और उन्हें नाटक मंडली का नेता बताया है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा को राहुल गांधी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। वे इलेक्शन वाले हिंदू हैं। वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी नाटक मंडली के नेता हैं। वो कोट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं। उनको भारत की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है। बस गली-गली दौड़ रहे हैं, क्योंकि जानता ने इनको नकार दिया है।मध्यप्रेदश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल बाबा का ज्ञान बाबा- बाबा ब्लैक शिप’ तक ही सीमित है।

उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने गीता के पन्ने कभी पलटे नहीं होंगे और रामायण कभी पढ़ी नहीं होगी, तो वो कैसे जानेंगे कि राम के नाम की शुरुआत ” से ही होती है। यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य ने शनिवार को ट्वीट किया। उन्होंने कहा, भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को जय श्रीराम न सही, भाजपा ने जय सियाराम बोलने के लिए विवश कर दिया है। उन्होंने कहा, यह भाजपा की वैचारिक विजय और कांग्रेसी विचारधारा की हार है। अभी आपसे जय श्री राधारानी सरकार की और जय श्रीकृष्ण भी कहलवाना है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा, मुझे लगता है वो सनातन धर्म के साथ पाखंड करते हैं। वह धर्म को सिर्फ चुनाव या राजनीति के हिसाब से परिभाषित करने का दुस्साहस करते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी के मन में महिलाओं की इतनी ही इज्जत होती तो मल्लिकार्जुन खरगे की जगह किसी महिला को पार्टी का अध्यक्ष बना देते। शुक्रवार को मध्यप्रदेश में राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि आरएसएस और भाजपा के जो भी नेता और कार्यकर्ता हैं वे सभी जय श्री राम के अलावा जय सिया राम और हे राम बोला करें। उन्होंने कहा था, बिना सीता के राम अधूरे हैं इसलिए हमें सीता जी के साथ जोड़कर राम का नाम लेना चाहिए। दोनों एक ही हैं। उन्होंने कहा, भगवान राम ने माता सीता के लिए लड़ाई लड़ी थी। इसलिए भी हम सभी को भागवान राम के साथ माता सीता का नाम लेना चाहिए।

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