प्राचार्य की मनमानी से बेल्हावासियों में आक्रोश, जिम्मेदार अंजान
प्रतापगढ़। डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज से संवद्ध राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय में इलाज कराना अब मरीजों के जेब पर भारी पड़ रहा है। इलाज के नाम पर एक रुपये तो अस्पताल परिसर में वाहन पार्किंग के नाम पर साइकिल के लिए पांच, बाइक के लिए दस और कार के लिए बीस रुपये चुकाना पड़ रहा है। जब कि अस्पताल परिसर में प्राचार्य अपने करीबी से अवैध तरीके से स्टैंड का संचालन करवा रहे हैं। इस ओर जिम्मेदार अफसरों का ध्यान नहीं पड़ रहा है। डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज से संवद्ध राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय में वाहन पार्किंग य फिर वाहन स्टैंड के नाम पर प्राचार्य या फिर सीएमएस ने किसी प्रकार का टेंडर नहीं निकाला। गुपचुप तरीके से प्राचार्य डॉक्टर आर्यदेश दीपक ने अपने एक करीबी को वाहन स्टैंड संचालन की जिम्मेदारी दे दी थी।
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद प्राचार्य ने साइकिल स्टैंड और वाहन पार्किंग के नाम पर हो रहे अवैध वसूली पर रोक लगाने के लिए अस्पताल पुलिस चौकी को पत्र भेज दिया। विभागीय अफसरों में चर्चा है कि ठेकेदार ने प्राचार्य का जेब गर्म कर दिया तो मंगलवार देर रात उसे टेंडर निकाले जाने तक यथा स्थित वाहन पार्किंग और वाहन स्टैंड संचालन के लिए एक पत्र थमा दिया। अस्पताल में आने वाले मरीज इलाज कराने के लिए एक रुपये खर्च कर रहे हैं तो अस्पताल परिसर में साइकिल खड़ी करने के नाम पर पांच तो बाइक के नाम पर दस और कार के नाम पर बीस रुपये चुक्ता करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कतें तो ई-रिक्शा या फिर टेंपो बुककर मरीजों को अस्पताल लेकर आने वाले तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है।
वाहन के अस्पताल परिसर में घुसते ही एक लाल या फिर पीली कलर की पर्ची थमा दिया जाता है। बाहर निकलते समय पैसा लिया जाता है। इसको लेकर आए दिन अस्पताल परिसर में हंगामा और विवाद होता है। मगर कॉलेज के प्राचार्य इससे पूरी तरह से अंजान बने हैं। वे मरीजों की समस्यां की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिलाधिकारी का भी ध्यान इस ओर नहीं पड़ रहा है। पुलिस के निगरानी में वाहन स्टैंड के नाम पर अवैध वसूली हो रहा है, मगर एसपी का भी ध्यान नहीं पड़ रहा है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर जेपी वर्मा से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि वाहन पार्किंग के लिए किसी प्रकार का टेंडर नहीं हुआ है। मेरे जानकारी में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। अस्पताल परिसर में जो भी कार्य किया जा रहा है उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं दिया जाता है। वाहन पार्किंग के नाम पर किसी को जिम्मेदारी देने के बाद प्राचार्य ने एक कॉपी मेरे पास भेज कर चुप्पी साध लिए हैं।
डॉक्टर सुरेश सिंह, सीएमएस, राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय
शासन के आदेश पर टेँडर जारी किया जाएगा। यथा स्थित बनाए रखने के लिए वाहन पार्किंग की व्यवस्था किया गया है। हालाकि इसके लिए शुल्क लेने के लिए किसी प्रकार का आदेश नहीं दिया गया है।
डॉक्टर आर्यदेश दीपक, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज।