गोसाईगंज क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। आखिर किस पर कोई भरोसा करे। कहीं पर चंद रूपयों, दो गज जमीन या फिर मामूली कहासुनी के बाद अपने ही अपनों का खून बहा रहे हैं। गोसाईगंज क्षेत्र स्थित बहुरिया खेड़ा गांव निवासी 45 वर्षीय रमेश चंद्र रावत की 24 सितंबर 2022 उन्हीं के घर में उनका बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। इस मामले में मृतक के बेटे अवधेश कुमार रावत पुलिस को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इंस्पेक्टर गोसाईगंज विनय सिंह सर्विलांस टीम की मदद से कातिलों की गर्दन तक पहुंचने के लिए छानबीन की तो पता चला कि रमेश की जान किसी पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि उन्हीं के कलयुगी बेटे अवधेश कुमार रावत व रजनीश कुमार रावत ने मिलकर की थी। इस सनसनीखेज मामले का राजफाश कर इंस्पेक्टर गोसाईगंज विनय सिंह की टीम ने गुरुवार को मुखबिर की सूचना पर हबुआ पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। सनद रहे कि बीते 24 सितंबर 2022 को गोसाईगंज क्षेत्र के बहुरिया खेड़ा मजरा ठिठौली गांव निवासी रमेश चंद्र रावत की हत्या कर खून से लथपथ शव नवल खेड़ा गांव के पास उन्हीं के घर में पड़ा मिला था।
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी के मुताबिक इस मामले में मृतक के बेटे अवधेश कुमार रावत ने नवल खेड़ा गांव निवासी रामसिंह पर पिता की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में ही अवधेश की बातें विरोधाभास लग रही थी कि इसी दौरान मृतक की बेटी रेनू ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके पिता की जान किसी और ने नहीं बल्कि उसी के भाईयों अवधेश कुमार रावत व रजनीश कुमार रावत ने मिलकर किया है। रेनू की बात सुनकर पुलिस चौकन्ना हुई और मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो सच सामने आ गया है पुलिस ने दोनों भाइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की वे पुलिस के सामने टूट पड़े। इंस्पेक्टर गोसाईगंज विनय सिंह के मुताबिक पकड़े गए दोनों भाइयों ने अपना जुर्म इकबाल करते हुए कहा कि उसके पिता शराब पीने के आदी थे और आए दिन गाली गलौज करते थे। दोनों ने पूछताछ में बताया कि इसी से अज़ीज़ होकर घटना को अंजाम देने दिया। पुलिस दोनों कलयुगी बेटों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।