ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी की ताज़ा गिरफ्तारी ने एक बार फिर देश की मानवाधिकार स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मृत वकील की स्मृति सभा में शामिल होना ऐसा अपराध बन गया, जिसकी सजा हिरासत के रूप में दी गई। मशहद में आयोजित इस कार्यक्रम में सुरक्षा बलों ने न केवल नरगिस मोहम्मदी को हिरासत में लिया, बल्कि कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी पकड़ा गया। वीडियो फुटेज में मोहम्मदी बिना हिजाब के मंच पर दिखाई दे रही थीं, जहां वे भीड़ से न्याय और शहीदों को याद करने का आह्वान कर रही थीं।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह कार्रवाई ईरान सरकार की असहिष्णुता को दर्शाती है। न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान के अनुसार, जब नागरिकों को शोक मनाने तक की आज़ादी नहीं होती, तो यह एक डर पर टिकी व्यवस्था को उजागर करता है। 80 से अधिक ईरानी वकीलों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। उनका कहना है कि खोसरो अलीकुर्दी की मौत और उसके बाद की गिरफ्तारियां कई संदेह पैदा करती हैं।
नरगिस मोहम्मदी पहले ही ईरानी जेलों में कठोर हालात झेल चुकी हैं। उन्होंने 2022 में महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए महिला आंदोलन का खुलकर समर्थन किया था। यही कारण है कि वे लंबे समय से सरकार की आंखों में खटकती रही हैं।
