हैदराबाद। महावाणिज्य दूतावास (US Consulate General) की ओर जाने वाली प्रमुख सड़क का नाम ‘डोनाल्ड ट्रंप एवेन्यू’ रखने का प्रस्ताव रखा गया है। यह फैसला तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट (8-9 दिसंबर) से ठीक पहले आया है, जो राज्य को USD 1 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने का प्लेटफॉर्म बनेगा।
सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, “यह नामकरण हैदराबाद की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगा। ट्रंप जैसे लीडर का नाम सड़क पर होना निवेशकों को आकर्षित करेगा।” राज्य सरकार US एम्बेसी और विदेश मंत्रालय को पत्र लिखेगी। यह दुनिया का पहला मामला होगा जब किसी विदेशी शहर में मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति की सड़क नाम हो। इसी तरह, रतन टाटा के नाम पर रीजनल रिंग रोड (RRR) का ग्रीनफील्ड रेडियल रोड नाम होगा। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो जैसे टेक जायंट्स के नाम पर भी सड़कें-जंक्शन प्रस्तावित हैं – जैसे ‘गूगल स्ट्रीट’, ‘माइक्रोसॉफ्ट रोड’। रेवंत ने दिल्ली के US-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में यह विजन पेश किया था। हालांकि, यह कदम विपक्ष के निशाने पर आ गया। केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना BJP सांसद बंदी संजय कुमार ने X पर तंज कसा: “हैदराबाद का नाम वापस भाग्यनगर कर दो। नाम बदलने की इतनी बेताबी हो तो इतिहास वाले नाम चुनो। एक तरफ KTR AI मूर्तियां बना रहा, दूसरी तरफ रेवंत ट्रेंडिंग वाले नामों पर सड़कें नाम दे रहे। BJP ही असली मुद्दों पर धरना दे रही है।”
BJP का तर्क है कि यह ‘ट्रेंडिंग पॉलिटिक्स’ है, जबकि स्थानीय मुद्दे जैसे बेरोजगारी, बाढ़ और किसान कर्ज नजरअंदाज हो रहे। सपा और TRS ने भी आलोचना की, कहा “विदेशी नामों से स्थानीय पहचान मिट रही है।” लेकिन रेवंत समर्थक इसे ‘स्मार्ट ब्रांडिंग’ बता रहे हैं, जो सेमीकॉन्डक्टर, AI और जॉब्स लाएगा। तेलंगाना राइजिंग समिट में गवर्नर जिश्नु देव वर्मा उद्घाटन करेंगे। यह नामकरण राज्य की 2047 तक USD 3 ट्रिलियन इकोनॉमी की महत्वाकांक्षा को रिफ्लेक्ट करता है। क्या यह दांव कामयाब होगा या विवाद बढ़ाएगा?
