लखनऊ | दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने एक बार फिर भविष्य को लेकर ऐसा दावा किया है, जो पूरी मानव सभ्यता को हिला सकता है। जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ में बातचीत के दौरान मस्क ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स की तेज रफ्तार से 10-20 सालों में काम करना इंसानों के लिए अनिवार्य नहीं रहेगा। यह एक हॉबी या शौक की तरह हो जाएगा, जैसे कोई व्यक्ति बाजार से सब्जियां खरीदने के बजाय अपने बगीचे में उगाना पसंद करता है।
मस्क, जो टेस्ला, स्पेसएक्स और xAI के संस्थापक हैं, ने इस बदलाव को ‘अमीरों का युग’ बताया। उनके अनुसार, AI और मानवाकार रोबोट्स इतनी कुशलता से उत्पादन करेंगे कि हर व्यक्ति को जरूरत से कहीं ज्यादा सामान और सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। नतीजा? गरीबी हमेशा के लिए खत्म! “AI और रोबोट्स गरीबी को मिटा देंगे। वे हर किसी को अमीर बना देंगे,” मस्क ने कहा। उन्होंने जोर देकर बताया कि भविष्य में पैसे का महत्व भी कम हो जाएगा, क्योंकि मशीनें सब कुछ इतनी सस्ते में पैदा करेंगी कि मुद्रा अप्रासंगिक हो जाएगी। यह विचार उन्होंने नवंबर में अमेरिका-सऊदी निवेश फोरम में भी दोहराया था।
पॉडकास्ट में मस्क ने स्पष्ट किया, “भविष्य में शहर बदलने या नौकरी के लिए घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। AI सब संभाल लेगा।” उन्होंने चेतावनी भी दी कि यह परिवर्तन इतना तेज होगा कि समाज की पूरी संरचना उलट-पुलट हो जाएगी। लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि इंसान अपनी रुचि के अनुसार काम कर सकेंगे – चाहे वह कला हो, विज्ञान या कोई क्रिएटिव प्रोजेक्ट। मस्क ने xAI के ग्रोक मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कंपनी इसी ‘समृद्धि के युग’ को तेज करने पर काम कर रही है।
यह दावा कोई पहली बार नहीं है। मस्क लंबे समय से AI को मानवता का सबसे बड़ा अवसर और खतरा मानते रहे हैं। अक्टूबर में एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “AI और रोबोट्स सभी नौकरियां बदल देंगे। काम करना वैकल्पिक हो जाएगा।” लेकिन क्या यह वाकई संभव है? विशेषज्ञों का मानना है कि AI पहले से ही जॉब्स को प्रभावित कर रहा है – जैसे अमेजन के वेयरहाउस में रोबोट्स ने लाखों कर्मचारियों की जगह ली। फिर भी, मस्क की भविष्यवाणी आशा जगाती है: एक ऐसा विश्व जहां इंसान फ्रीडम का असली मतलब समझें। लेकिन इसके लिए नैतिक AI विकास जरूरी है, वरना असमानता बढ़ सकती है।
