- चीनी मिलों के मेंटिनेंस के लिए खरीदे गए उपकरणों में लाखों का गोलमाल
- गन्ना मंत्री व एसीएस को नहीं दिख रहा प्रधान प्रबंधक तकनीकी का भ्रष्टाचार
- एसीएस गन्ना ने करोड़ों के भ्रष्टाचारी अधिकारी को संविदा पर रख वसूली का फिर दिया मौका
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ की चीनी मिलों के मेंटिनेंस के लिए खरीदे गए उपकरणों की खरीद फरोख्त में जमकर गोलमाल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस का खुलासा योगी सरकार वन के मंत्री मोती सिंह की शिकायत से हुआ है। पूर्व मंत्री ने शिकायत में इंस्ट्रूमेंट की खरीद फरोख्त में लाखों रुपए का गोलमाल किए जाने की बात कही गई है। संघ में संविदा पर नियुक्त किए गए प्रधान प्रबंधक तकनीकी के भ्रष्टाचार का यह मामला चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री और अपर मुख्य सचिव (एसीएस) गन्ना को दिखाई ही नहीं पड़ रहा है। दिलचस्प बात की पूर्व मंत्री की शिकायत के बाद भी इस भ्रष्टाचारी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह मामला संघ के अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार वन में मंत्री मोती सिंह ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में तैनात प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गन्ना से चीनी मिलों के मेंटिनेंस के लिए मनमाने दामों पर खरीदे गए उपकरणों में लाखों रुपए की धांधली करने का आरोप लगाया था। दस्तावेजों के साथ की गई इस शिकायत में कहा गया कि मोटा कमिशन प्राप्त करने के लिए ऊंचे दामों पर उपकरणों की खरीद फरोख्त की गई। उन्होंने मनमाने तरीके से की गई खरीद फरोख्त की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। पूर्व मंत्री की तथ्यों के साथ की गई शिकायत से संघ के अधिकारियों में खलबली मच गई थी। कार्यवाही को लेकर तमाम तरह के कयास भी लगाए जा रहे थे, किंतु शासन और संघ में ऊंची पहुंच और जुगाड के बल पर पूर्व मंत्री की शिकायत को फाइलों में कैद कराकर मामले को रफादफा करा दिया।
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पूर्व मंत्री की शिकायत आज भी संघ मुख्यालय की फाइलों में कैद पड़ी हुई है। इस शिकायत के उपरांत भ्रष्टाचार में संलिप्त प्रधान प्रबंधक तकनीकी ने अपने कार्यकाल में एक ऐसी फर्म को आधा दर्जन चीनी मिलों के इंस्ट्रूमेंट उपकरणों की मेंटेनेंस का काम दे दिया जिसको तकनीकी कार्य करने का कोई अनुभव ही नहीं प्राप्त है। प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल के भ्रष्टाचार के दर्जनों मामले चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव गन्ना का दिखाई ही नहीं पड़ रहे है। मजे की बात यह कि भ्रष्टाचार में लिप्त इस सेवानिवृत अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए अपर मुख्य सचिव गन्ना ने उसे संविदा पर नियुक्ति देकर एक बार लूट करने का मौका जरूर दे दिया है। उधर इस संबंध में जब गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और एसीएस गन्ना वीना कुमारी मीणा से बात करने का प्रयास किया गया तो इनका फोन ही नहीं उठा।
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रिटायर अफसरों ने चीनी मिल संघ में मचा रखी लूट!
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ और चीनी मिलों में दर्जनों की संख्या में सेवानिवृत अधिकारियों को संविदा पर नियुक्ति देकर काम कराया जा रहा। सूत्र बताते है कि करीब पांच साल पहले सेवानिवृत हुए मुख्य लेखाधिकारी सतेंद्र श्रीवास्तव को हटाने के बजाए उन्हें अस्थाई नियुक्ति देकर मुख्य लेखाधिकारी का काम कराया जा रहा है। इसके अलावा एसपी दीक्षित, आरके गुप्ता, दीपक सिंह, सुदर्शन मेहरोत्रा, हीरालाल पाल, एमएन जोशी, रामसिंह, सत्यदेव, राजेश सरीखे कई लोगों को रिटायरमेंट के बाद भी संघ में लगा रखा गया। इसमें संविदा पर नियुक्ति प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल का भी नाम जुड़ गया है। करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले सेवानिवृत विनोद कुमार अग्रवाल को चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास की एसीएस वीना कुमारी मीना ने संविदा पर प्रधान प्रबंधक तकनीकी के पद पर नियुक्ति कर दी। यह रिटायर लोग कमाई का कोई मौका छोड़ना नहीं चाह रहे है। इन सेवानिवृत अधिकारियों ने फेडरेशन में लूट मचा रखी है।
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