- कुशीनगर पहुंचने वालों में 02.14 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक
- वर्ष 2017 की तुलना में साल 2025 में कुशीनगर आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
- यूपी टूरिज्म फैम ट्रिप और विदेशी आयोजनों में सहभाग के जरिए बौद्ध बहुल देशों को कर रहा आकर्षित
- तथागत ने कुशीनगर में ही दिया था ‘अत्त दीपो भव’ का संदेश
- बौद्ध सर्किट में बढ़ी कुशीनगर की धमक, विदेशी पर्यटकों के आगमन में बना अग्रणी : जयवीर सिंह
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
लखनऊ/कुशीनगर। उत्तर प्रदेश का पर्यटन परिदृश्य अब नई उड़ान भर रहा है। वैश्विक बौद्ध सर्किट के केंद्र के रूप में राज्य ने अपनी विशिष्ट पहचान मजबूत की है। पर्यटन विभाग द्वारा जारी जनवरी से अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट बताती है कि इस अवधि में दुनिया भर से उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों और बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘कुशीनगर के प्रति पर्यटकों का बढ़ता रुझान जाहिर करता है कि बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली 2600 साल बाद भी दुनिया को उतनी ही गहराई से आकर्षित कर रही है। मंत्री ने बताया कि ‘कुशीनगर, देश-दुनिया के बौद्ध धर्मावलंबियों को आकर्षित करता है। यह बौद्ध धर्म के अति पवित्र चार स्थलों में से एक है। यहीं भगवान बुद्ध की विश्व विख्यात लेटी हुई प्रतिमा है। उन्होंने बताया, भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेष (सिद्धार्थ नगर) के भारत वापसी ने बौद्ध श्रद्धालुओं में नई आस्था और उत्साह का संचार किया है। केंद्र सरकार के प्रयासों से 127 साल बाद यह संभव हुआ। इस ऐतिहासिक वापसी के स्वागत स्वरूप बड़ी संख्या में श्रद्धालु बौद्ध सर्किट के प्रमुख गंतव्यों तक पहुंच रहे हैं।
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10 महीने में 02.14 लाख विदेशी पर्यटक आए
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘पर्यटकों के आगमन से कुशीनगर में रौनक लगातार बढ़ रही है। साल 2025 में जनवरी से अक्टूबर जून के दौरान कुल 19,90,931 पर्यटक यहां पहुंचे। इनमें 17,76,247 घरेलू और 2,14,684 विदेशी पर्यटक शामिल रहे, जो दर्शाता है कि कुशीनगर न सिर्फ देश, बल्कि दुनिया के यात्रियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन रहा है। पर्यटन विभाग का अनुमान है कि वर्षांत तक कुल पर्यटक संख्या 25 लाख के पार जा सकता है।’
विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि
मंत्री ने बताया, ‘बौद्ध धरोहर और अंतर्राष्ट्रीय आस्था के केंद्र कुशीनगर में पिछले वर्ष भी पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद दर्ज की गई। साल 2024 में कुल 22,42,913 पर्यटक यहां पहुंचे, जिनमें 2,51,251 विदेशी थे। वर्ष 2017 के वर्षांत तक कुल 9,37,981 पर्यटक कुशीनगर पहुंचे थे, जिनमें महज 76,221 विदेशी पर्यटक थे। उन्होंने बताया कि विभागीय प्रयासों का सकारात्मक असर पर्यटकों की बढ़ती संख्या के रूप में देखने को मिल रहा है।
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बुद्ध ने यहीं दिया ‘अत्त दीपो भव’ का संदेश
भगवान बुद्ध ने अपने जीवन काल के आखिरी क्षणों में कुशीनगर में ही ‘अत्त दीपो भव’ (अपने दीपक स्वयं बनो) का अपना अंतिम संदेश दिया था। यह वाक्य बुद्ध की समस्त शिक्षाओं का सार है। यह सूक्त वाक्य व्यक्ति को अपने जीवन का मार्ग स्वयं तलाशने और दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय अपनी अंतरात्मा को जानने पर जोर देता है।
वैश्विक मंच से ‘बोधि यात्रा’ के लिए आमंत्रण
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन ने हाल के वर्षों में विश्व के प्रमुख मंचों जैसे- पैसिफिक एशिया ट्रैवल एसोसिएशन (PATA), जापान टूरिज्म एक्सपो (JATA), आईएफटीएम टॉप रेसा और वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट लंदन (WTM) आदि पर राज्य के बौद्ध सर्किट और भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। पर्यटन विभाग की ‘बोधि यात्रा’ पहल ने उत्तर प्रदेश की वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उपस्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया है।
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यूपी टूरिज्म फैम ट्रिप का करता है आयोजन
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, जापान, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे बौद्ध बहुल देशों के टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) का आयोजन किया जाता रहा है। इन यात्राओं के माध्यम से प्रदेश स्थित बौद्ध स्थलों, उनसे जुड़े सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया जा रहा है।
