नया लुक ब्यूरो
देहरादून । राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेजी देने के लिए सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा निर्धारित समयसीमा के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2021 से 2024 तक के सभी छात्रों के प्रमाणपत्र, क्रेडिट रिकॉर्ड तथा अपार आईडी संबंधित डेटा को डिजीलॉकर/एनएडी-एबीसी प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा।
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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में प्रदेश के राजकीय व निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लाखों विद्यार्थियों के मार्कशीट, प्रमाणपत्र, क्रेडिट विवरण तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (NAD) और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है। इससे छात्रों को किसी भी समय और कहीं से भी अपने शैक्षणिक दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त करने में सुविधा होगी, साथ ही पारदर्शिता और समय की बचत भी सुनिश्चित होगी।
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डॉ. रावत ने बताया कि यूजीसी ने रिकॉर्ड अपलोडिंग की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवम्बर 2025 कर दी है। उन्होंने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को समयसीमा का पूर्ण पालन करते हुए सभी लंबित रिकॉर्ड तुरंत अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। डेटा अपलोडिंग की प्रगति की समीक्षा के लिए 19 नवम्बर 2025 को दून विश्वविद्यालय में कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक, नोडल अधिकारी और तकनीकी कर्मियों को अद्यतन रिपोर्ट तथा आवश्यक दस्तावेजों के साथ अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। डॉ. रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार का एनएडी-एबीसी प्लेटफॉर्म न केवल छात्रों को डिजिटल शैक्षणिक पहचान उपलब्ध कराता है, बल्कि क्रेडिट ट्रांसफर को भी सरल बनाता है। साथ ही यह नई शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन का एक महत्वपूर्ण आधार भी है।
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