नया लुक ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति पर पहली विस्तृत और समुदाय-आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दी गई है। रिपोर्ट का विमोचन चिकित्सा स्वास्थ्य निदेशालय, देहरादून में किया गया। इस अध्ययन का उद्देश्य बच्चों में ऑटिज्म, बौद्धिक विकलांगता और सामान्य मानसिक विकारों की वास्तविक स्थिति को समझना और भविष्य की स्वास्थ्य नीतियों के लिए ठोस आधार तैयार करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह सर्वे कराया।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और निमहांस (राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान), बेंगलुरु के सहयोग से गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून द्वारा यह सर्वेक्षण पूरा किया गया। यह रिपोर्ट न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में अपनी तरह का पहला सामुदायिक आधारित सर्वेक्षण है। अध्ययन में 17 वर्ष तक के आयु वर्ग के 802 बच्चों और किशोरों को शामिल किया गया। देहरादून, पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में सर्वेक्षण किया गया, जिसमें पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व शामिल रहा। सर्वेक्षण ने बच्चों और किशोरों में मानसिक विकारों के मामलों में समय पर पहचान और उपचार की अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर किया है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह सुझाव दिया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग को स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों और विद्यालय स्वास्थ्य अभियानों में शामिल किया जाना चाहिए।
