जोधपुर। दिल्ली धमाकों से देश उबर भी नहीं पाया था कि जोधपुर का मंडोर और बनाड़ क्षेत्र मंगलवार देर रात तेज धमाकों से कांप उठा। हर कोई दहशत में आ गया और सहम गया । कई लोग घरों से बाहर निकल आए। धमाकों की आवाजों के बीच लोगों ने भूकंप का अनुमान लगाया लेकिन धीरे-धीरे पता चला कि यह लड़ाकू विमान के नीचे उड़ान भरने और बैरियर तोड़ने पर होने वाला सोनिक बूम है। दरअसल विशेषज्ञों के अनुसार, पायलट को रिहायशी इलाकों पर साउंड बेरियर ब्रेक करने की इजाजत नहीं है। पश्चिमी सीमा पर इन दिनों ऑपरेशन त्रिशूल युद्धाभ्यास चल रहा है। इसमें वायु सेना के लड़ाकू जहाज भी जोधपुर से उड़ान भर रहे हैं।
इस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए, जिसमें लोगों को तेज धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। मंडोर थानाधिकारी किशनलाल विश्नोई ने बताया कि धमाके की आवाज पर हमारी टीमों ने देर रात तक पूरी पड़ताल की। पता लगाया कि कहीं धमाके के बाद कुछ अप्रत्यक्ष असर तो नहीं हुआ, लेकिन कुछ नुकसान नहीं मिला। संभवतया लड़ाकू विमान का सोनिक बूम हो सकता है। भारतीय वायुसेना की ओर से “X” पर मौजूद आधिकारिक हैंडल IDU से बताया गया कि यह आवाज फाइटर जेट की रूटीन उड़ान के दौरान उत्पन्न सोनिक बूम की थी।
युद्ध और अभ्यास के दौरान होता सोनिक बूम
विशेषज्ञों के अनुसार, जब कोई लड़ाकू विमान आवाज की गति 332 किमी प्रति सैकंड पार करता है। तो साउंड बेरियर ब्रेक हो जाता है। इससे तेज धमाके की आवाज होती है, जिसे सोनिक बूम कहते हैं। इस दौरान लड़ाकू विमान की स्पीड 1200 किमी प्रति घंटा होती हैं। युद्ध या युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन देश के विमान का पीछा करते हुए स्पीड बढ़ाते समय अक्सर साउंड बेरियर ब्रेक होता है। इससे ही सोनिक बूम की आवाज गूंजती है। अभी पश्चिमी सीमा पर ऑपरेशन त्रिशूल चल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, पायलट को रिहायशी इलाकों पर साउंड बेरियर ब्रेक करने की इजाजत नहीं है। पश्चिमी सीमा पर इन दिनों ऑपरेशन त्रिशूल युद्धाभ्यास चल रहा है। इसमें वायु सेना के लड़ाकू जहाज भी जोधपुर से उड़ान भर रहे हैं। मंगलवार रात संभवतया बाहरी इलाके पर यह हुआ है। जहां आबादी घनत्व कम है। यह तेज धमाके 100 किमी दूर तक सुने गए। इससे पहले मार्च 2019 में भी ऐसे धमाके सुने गए थे।
