Breaking News : झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता ने दिया इस्तीफा!

नया लुक ब्यूरो

रांची। झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य सरकार को सौंप दिया है। हालांकि, इस्तीफे के पीछे की वजहों का अभी तक आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है।

ये भी पढ़े

चार बच्चों की मां को हुआ इंस्टाग्राम पर प्यार…आशिक संग हुई फरार

नए डीजीपी के पद की दौड़ में राज्य के दो सीनियर IPS प्रशांत सिंह और एमएस भाटिया के नाम चर्चा में हैं। वहीं दूसरी ओर इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने इसे सही कदम बताते हुए रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन पर कार्यरत अनुराग गुप्ता के इस फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी नेता और रांची विधायक सीपी सिंह ने देर आए दुरुस्त आए बताते हुए कहा कि इतनी फजीहत के बाद रिजाइन करना आश्चर्यजनक बात है। उन्होंने कहा कि पद इतना बड़ा है कि डीजीपी रहकर इसमें सारा खेला होता है। जो भी डीजीपी रहेगा, बंधी-बंधाई रकम कोयला घोटाला से लेकर तरह-तरह के पैसे मिलते हैं। उन्हें इसके लिए कुछ भी नहीं करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए की कमाई को कोई छोड़ना चाहता है क्या, कहीं ना कहीं कोई डील में गड़बड़ी हो गई होगी, भगवान ना करें इन्हें भी ना जेल जाना पड़े, इसकी मैं कामना करता हूं। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रिटायरमेंट के बाद इतने दिनों तक आप इस पद पर बने रहे, कैग मैं भी कहा सारे लोग विरोध करते रहे, इसके बावजूद आखिर क्यों बन रहे, इसके पीछे क्या लस्ट था।

भाजपा डीजीपी अनुराग गुप्ता के एक्सटेंशन का करती रही है विरोध

अनुराग गुप्ता के एक्सटेंशन पर भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही सवाल खड़ा करती रही है। राज्य सरकार के द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांगी गई अनुमति को ठुकराए जाने के बाद से यह मामला जोर पकड़ता चला गया और बाबूलाल मरांडी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक डीजीपी नियुक्ति को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाती रही। भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार पर डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़ी करती रही। अनुराग गुप्ता के द्वारा अचानक इस्तीफा दिए जाने की खबर के बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हुई है और जिस तरह से विधायक सीपी सिंह ने आरोप लगाए हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी फिलहाल इस मुद्दे को छोड़ने नहीं जा रही है।  हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डीजीपी ने अपने इस्तीफा की वजह क्या लिखी है। लेकिन सूत्रों ने अनुराग गुप्ता के इस्तीफे की पुष्टि की है।

भाटिया या प्रशांत सिंह के नाम पर चर्चा

वहीं दूसरी तरफ नए डीजीपी को लेकर भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि सीनियर IPS अधिकारी प्रशांत सिंह या एमएस भाटिया राज्य के नए डीजीपी हो सकते हैं। प्रशांत सिंह 1992 बैच के IPS अधिकारी हैं और फिलहाल डीजी मुख्यालय के पद पर तैनात हैं। वहीं एमएस भाटिया 1993 बैच के IPS हैं और फिलहाल डीजी अग्निशमन विभाग के पद पर तैनात हैं।

चर्चित रहा पूरा कार्यकाल

अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर का पूरा कार्यकाल चर्चा का विषय रहा। डीजीपी पद पर उनके पदस्थापन और फिर एक्सटेंशन को लेकर लगातार विवाद सामने आता रहा। यूपीएससी ने तो अनुराग गुप्ता को झारखंड का डीजीपी माना ही नहीं। झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले अनुराग गुप्ता को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाया गया था लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें डीजीपी के पद से हटा दिया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होते ही सरकार ने उन्हें फिर से झारखंड का डीजीपी बना दिया था। 1990 बैच के IPS अधिकारी अनुराग गुप्ता की पहचान एक तेज तर्रार IPS अफसर के रूप में रही है। लेकिन विवादों ने उनका कभी पीछा नहीं छोड़ा। रिटायरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार पर पद पर बने रहने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे थे। मंगलवार देर शाम उन्होंने reportedly मुख्यमंत्री आवास में अपना इस्तीफा सौंपा।

गौरतलब है कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन झारखंड सरकार ने उन्हें दो वर्ष का सेवा विस्तार दे दिया था। केंद्र सरकार ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए 22 अप्रैल 2025 को तत्कालीन मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि सेवानिवृत्त अधिकारी को एक्सटेंशन नहीं दिया जा सकता। इसके बाद राज्य और केंद्र के बीच पत्राचार और कानूनी विवाद का दौर शुरू हुआ। इस पूरे मामले पर भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

अनुराग गुप्ता को पहली बार 26 जुलाई 2024 को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें हटा दिया गया था। बाद में 28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद उन्हें फिर से प्रभारी डीजीपी बनाया गया और 3 फरवरी 2025 को नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया। अपने तीन दशक से अधिक के करियर में अनुराग गुप्ता ने झारखंड पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग के एसपी और रांची के एसएसपी रह चुके हैं। संयुक्त बिहार में भी उन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया था, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था। हालांकि उनका करियर विवादों से भी अछूता नहीं रहा। वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में काम करने के आरोप में उन्हें फरवरी 2020 में निलंबित कर दिया गया था। करीब 26 महीने के निलंबन के बाद अप्रैल 2022 में हेमंत सोरेन सरकार ने निलंबन रद्द कर उन्हें पुनः डीजीपी बनाया और बाद में नियमित डीजीपी पद पर नियुक्त किया।

Analysis homeslider West Bengal

2026 में ममता को छोड़ मुस्लिम मुख्यमंत्री चाहते हैं मुसलमान

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिदृश्य में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। यह वोट बैंक अब किसी एक नेता या पार्टी की गुलामी करने के बजाय अपनी शर्तें पेश कर रहा है और अपने हितों के अनुसार चुनाव लड़ने-हरने का […]

Read More
homeslider Uttar Pradesh

देश में साइबर सुरक्षा को मजबूती देगा TNV सिस्टम सर्टिफिकेशन

शाश्वत तिवारी लखनऊ। भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए टीएनवी सिस्टम सर्टिफिकेशन ने आईएसओ/आईईसी 27001:2022 (सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली) के तहत उन्नत ऑडिटिंग और प्रमाणन सेवाओं की औपचारिक शुरुआत कर दी है। यह पहल देश में साइबर सुरक्षा को नई मजबूती देगी और भारत […]

Read More
homeslider Uttarakhand

कुम्भ मेले में राज्य की देवडोलियों, लोक देवताओं के प्रतीकों की शोभायात्रा निकलेगी : धामी

देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिद्वार में वर्ष 2027 में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को करीब से जानने का अवसर होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि मेले में राज्य की देवडोलियों, लोक देवताओं के प्रतीकों और चल-विग्रहों के […]

Read More